मीरापुर उपचुनाव में रालोद की उम्मीदवार मिथलेश पाल ने बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने सपा की सुम्बुल राणा को 30,426 मतों के बड़े अंतर से हराकर विधानसभा में अपनी वापसी की है।
30 साल के सियासी सफर में बदली 3 पार्टियां : जानिए कौन हैं मिथलेश पाल? जिन्होंने मीरापुर में दिलाई रालोद को बड़ी जीत
Nov 23, 2024 17:35
Nov 23, 2024 17:35
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कौन हैं मिथलेश पाल?
मिथलेश पाल भरतिया कॉलोनी, जानसठ रोड की निवासी हैं। वर्ष 2012 में उन्होंने मीरापुर सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में उन्होंने 44,069 वोट पाकर दूसरा स्थान हासिल किया था। उस समय बसपा के जमील अहमद कासमी विजयी रहे थे। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी वीरपाल निर्वाल 25,689 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। मिथलेश पाल की राजनीतिक यात्रा में मीरापुर सीट से उनकी भागीदारी ने उन्हें रालोद में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। वर्तमान उपचुनाव में उनकी जीत ने उनकी राजनीतिक वापसी को मजबूत किया है।
2022 में भाजपा में हुई थी शामिल
मिथलेश पाल ने 2017 में मीरापुर सीट से फिर से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने 22,751 वोट पाकर तीसरा स्थान हासिल किया। इस चुनाव में भाजपा के अवतार सिंह भड़ाना 69,035 वोटों के साथ विजयी रहे, जबकि सपा के लियाकत अली 68,842 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। 2016 के उप चुनाव में उन्हें रालोद ने मुजफ्फरनगर सीट से उम्मीदवार बनाया था। 2017 में टिकट नहीं मिला, जिसके बाद वह सपा में शामिल हुई थी। लेकिन 2022 में सपा छोड़ कर वह भाजपा में चली गई थी।
योगी और जयंत की नीतियों पर भरोसे की जीत: मिथलेश पाल
मीरापुर की नवनिर्वाचित विधायक मिथलेश पाल ने जीत के बाद कहा कि यह जीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रालोद अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी के भरोसे की जीत है। उन्होंने चौधरी अजित सिंह के मार्गदर्शन में राजनीति में अपनी पहचान बनाई। मिथलेश ने कहा कि वह चौधरी चरण सिंह की नीतियों पर चलते हुए हमेशा किसान और मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ती रहेंगी।
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बदले समीकरण ने दिया जीत का अवसर
समीकरण बदलने के कारण मिथलेश को मीरापुर से उपचुनाव लड़ने का मौका मिला। भाजपा और रालोद के नए गठबंधन ने मीरापुर सीट को रालोद के हिस्से में दिया, जिससे उनकी जीत संभव हुई। रालोद के लिए यह चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत को फिर से स्थापित करने का मौका था।
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