कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने संभल हिंसा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि मुसलमानों की स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि अब उन्हें बाहर निकलने पर डर लगता है...
संभल हिंसा पर इमरान मसूद का बयान : बोले- मुसलमानों की जान की कोई कीमत नहीं, बाहर निकलेंगे तो पुलिस मारेगी...
Nov 30, 2024 15:57
Nov 30, 2024 15:57
घर से निकलने पर डर रहा है मुसलमान
उन्होंने आगे कहा कि संभल में जो घटना घटी उससे यह साफ हो गया है कि हमारी जान की कोई कीमत नहीं है। गोलियां चलाई जा रही थीं और शरीर से गोली आर-पार हो रही थी। क्या हम इसी देश में जी रहे हैं? इस हिंसा को देखकर लगता है कि मुसलमानों को बचाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि संभल में शाही जामा मस्जिद के पास पहले एक सर्वे हुआ था और सब कुछ शांति से चल रहा था, लेकिन इसके बाद सुनियोजित तरीके से कुछ लोग भेजे जाते हैं, नारे लगाए जाते हैं और जब हालात बिगड़ते हैं तो पुलिस गोली चला देती है।
पथराबाजों के पैर में मारी जा सकती थी गालियां
कांग्रेस सांसद ने देश में नफरत की राजनीति पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि इस देश को नफरत से मत जलाओ, क्योंकि नफरत की आग में हम सब झुलस जाएंगे। संभल हिंसा के दौरान पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने पर मसूद ने सवाल उठाया और कहा कि पत्थरबाजों को काबू करने के लिए उनके पैर में गोली मारी जा सकती थी। पुलिस लाठीचार्ज कर सकती थी, लेकिन उन्होंने सीधे गोली चला दी। यह गलत है। पुलिस द्वारा जारी किए गए पोस्टरों में पत्थरबाजों के हाथ में पत्थर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन किसी के हाथ में हथियार नहीं दिख रहे, जबकि गोली के प्रभाव से यह साफ नहीं हो सकता कि वह केवल पत्थरबाज थे या उनके पास कोई और हथियार था।
तबाह हुए परिवारों की नहीं हो रही चर्चा
इसके साथ ही इमरान मसूद ने यह भी आरोप लगाया कि संभल हिंसा में जिन परिवारों के घर तबाह हो गए, उनके बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही, जबकि सिर्फ पत्थरबाजों पर बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर पत्थरबाज थे तो उन्हें हिरासत में लिया जाना चाहिए और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन जान से मारने की बजाय उनके पैर में गोली मारी जाती।