कैराना में सपा विधायक पर निशाना : कहा- पाकिस्तान चला जाना चाहिए, दीपावली पर हमला होने के बाद हिंदू परिवार का धरना  

दीपावली पर हमला होने के बाद हिंदू परिवार का धरना  
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Nov 06, 2024 16:59

कैराना में दीपावली के दिन एक हिंदू परिवार पर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों द्वारा कथित हमले के बाद कार्रवाई न होने पर इलाके में तनाव बढ़ गया है। हमले से नाराज पीड़ित परिवार और हिंदू समाज के लोगों ने धरना देते हुए पलायन की धमकी दी।

Nov 06, 2024 16:59

Shamli News : शामली के कैराना में दीपावली के दिन एक हिंदू परिवार पर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों द्वारा कथित हमले के बाद कार्रवाई न होने पर इलाके में तनाव बढ़ गया है। हमले से नाराज पीड़ित परिवार और हिंदू समाज के लोगों ने धरना देते हुए पलायन की धमकी दी और घर के बाहर पोस्टर लगाकर विरोध जताया। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत शारदा अग्रवाल ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी और क्षेत्रीय सपा विधायक नाहिद हसन पर जमकर निशाना साधा।

बिना नाम लिए विधायक पर कटाक्ष 
विनीत शारदा ने बिना नाम लिए विधायक नाहिद हसन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "यहां का विधायक नशेड़ी है, उसे पाकिस्तान भेज देना चाहिए।" उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कैराना से हिंदू परिवारों का पलायन शुरू हुआ, तो वह किसी भी अधिकारी को उत्तर प्रदेश में नहीं रहने देंगे। शारदा ने आगे कहा कि कैराना से अब केवल गुंडों का पलायन होगा न कि निर्दोष परिवारों का।

पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात और मदद का आश्वासन
विनीत शारदा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनकी सुरक्षा और मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि योगी-मोदी सरकार के तहत कैराना में हिंदू परिवारों को डरने की आवश्यकता नहीं है और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो। शारदा के बयान के बाद पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है, जबकि पीड़ित परिवार अभी भी न्याय की मांग कर रहा है।

कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद पुलिस ने केवल शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज किया था, जिससे हिंदू समाज के लोगों में नाराजगी है। उनका आरोप है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। धरने के बाद विनीत शारदा के हस्तक्षेप से मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है। शारदा ने प्रशासन को चेताया कि किसी भी हालत में पीड़ित परिवार का पलायन नहीं होना चाहिए।

इस घटनाक्रम के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। 

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