Shamli News : किसानों ने कहा-साहब हम जिंदा हैं! गन्ना समिति चुनाव की वोटर लिस्ट में जिंदा किसानों को दिखाया गया मृत

किसानों ने कहा-साहब हम जिंदा हैं! गन्ना समिति चुनाव की वोटर लिस्ट में जिंदा किसानों को दिखाया गया मृत
UPT | गन्ना समिति कार्यालय में प्रदर्शन करते किसान।

Sep 20, 2024 00:56

शामली जिले में गन्ना समिति के डेलीगेट चुनाव को लेकर किसानों के बीच भारी हंगामा हो गया। गन्ना समिति के चुनावों में शामली क्षेत्र के 50 से अधिक किसानों को मतदाता सूची में मृत दर्शाते हुए उनके नाम काट दिए गए।

Sep 20, 2024 00:56

Shamli News : उत्तर प्रदेश के शामली जिले में गन्ना समिति के डेलीगेट चुनाव को लेकर किसानों के बीच भारी हंगामा हो गया। गन्ना समिति के चुनावों में शामली क्षेत्र के 50 से अधिक किसानों को मतदाता सूची में मृत दर्शाते हुए उनके नाम काट दिए गए। यह मामला तब सामने आया जब किसानों को इस गलती का पता चला, जिसके बाद उन्होंने गन्ना समिति कार्यालय में आकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

किसानों ने किया जोरदार विरोध, सत्यापन की उठी मांग
गन्ना समिति के डेलीगेट चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में 50 से अधिक जिंदा किसानों के नामों को मृत घोषित कर दिया गया था, जिससे उनके नाम सूची से हटा दिए गए। इस पर भाकियू (भारतीय किसान यूनियन) के कार्यकर्ताओं और किसानों ने समिति कार्यालय पर आकर जमकर विरोध किया। किसानों ने डीसीओ (जिला गन्ना अधिकारी) और समिति के सचिव का घेराव किया और तुरंत सूची का सत्यापन कराने की मांग की।

किसानों के विरोध को देखते हुए डीसीओ ने तुरंत जांच के आदेश दिए। इसके बाद सूची में दर्ज किसानों के नामों का सत्यापन किया गया, जिसमें कई किसानों के नाम गलत तरीके से सूची से काट दिए गए थे। किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें मृत दिखाना न केवल गलती है, बल्कि उनके अधिकारों का हनन भी है।

किसानों ने दिया धरना, सचिव और डीसीओ का घेराव
भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष कालेंद्र सिंह मलिक और प्रदेश महासचिव धीरज लाटियान, जिला उपाध्यक्ष अमरदीप लाटियान के नेतृत्व में तितावी क्षेत्र के बुडीना कलां और आसपास के गांवों के किसान शामली गन्ना सहकारी समिति कार्यालय पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि जिंदा किसानों को भी मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया है। किसानों ने सचिव ओमप्रकाश सिंह और डीसीओ रणजीत सिंह कुशवाहा को मौके पर बुलाकर उनसे जवाब मांगा। 

किसानों ने समिति के सामने यह स्पष्ट किया कि गन्ना समिति के डेलीगेट चुनाव 3 अक्टूबर, डायरेक्टर चुनाव 16 अक्टूबर और सभापति व उपसभापति का चुनाव 17 अक्टूबर को होना है। लेकिन अगर उनके नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जाते, तो वे अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

सचिव ने कराया नामों का सत्यापन
किसानों के इस गंभीर आरोप पर तुरंत कार्रवाई करते हुए डीसीओ ने सचिव ओमप्रकाश सिंह को निर्देश दिए कि वह सूची का सत्यापन कराएं। इसके तहत बुडीना कलां और अन्य गांवों के किसानों के नामों को सूची से दोबारा बुलाकर पढ़ा गया और उनकी उपस्थिति की पुष्टि की गई। किसानों की मांग पर सचिव ने गांव में एक टीम भेजकर पूरे मामले की जांच कराने का वादा किया।

डीसीओ रणजीत सिंह कुशवाहा ने भी आश्वासन दिया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और गलती से मृत घोषित किए गए किसानों के नामों को सूची में वापस शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जल्दबाजी नहीं की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी कोई गलती न हो। इस दौरान भाकियू के कई अन्य प्रमुख नेता, जैसे मानसिंह मलिक, अजय मलिक और अन्य किसान भी धरना स्थल पर मौजूद थे। किसानों की इस एकजुटता ने प्रशासन पर दबाव बनाया, और अंततः उनकी मांगों को सुना गया।

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे प्रशासनिकत्रुटियाँ किसानों के अधिकारों को प्रभावित कर सकती हैं। इस मामले में, किसानों की एकजुटता और संगठनात्मक ताकत ने प्रशासन को अपनी गलती सुधारने के लिए मजबूर किया। अब किसानों को उम्मीद है कि चुनावों में उनकी भागीदारी निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, और ऐसी कोई गलती दोबारा नहीं दोहराई जाएगी। 

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