धानापुर ब्लॉक परिसर में यूपी सरकार की लोक कल्याणकारी पहल के तहत सामूहिक विवाह समारोह आयोजित हुआ। इसमें हिंदू लड़कियों का विवाह वैदिक मंत्रोचार के साथ और मुस्लिम बच्चियों का विवाह आयतों के उच्चारण के बीच संपन्न हुआ, जो सामाजिक समरसता का प्रतीक था।
ऐतिहासिक सामूहिक विवाह समारोह : हिंदू-मुस्लिम कन्याओं की शादी ने धार्मिक एकता और सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश की
Jan 17, 2025 18:56
Jan 17, 2025 18:56
साथ मिलकर एक नई परंपरा की शुरुआत
मुख्य अतिथि सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का उत्थान किए बिना देश और समाज का उत्थान संभव नहीं है। उन्होंने भाजपा सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ भौतिक विकास की जिम्मेदारी नहीं ले रही है,बल्कि लोगों के सांस्कृतिक और पारिवारिक उत्थान की भी जिम्मेदारी निभा रही है। उनका कहना था कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल दो परिवार जुड़े हैं, बल्कि दो अलग-अलग भावनाएं भी एक हो रही हैं, जो समाज में प्यार और समझ का संचार करती हैं।
41 जोड़ियों का विवाह, एक नई शुरुआत
इस समारोह में धानापुर ब्लॉक के 41 जोड़ियों का विवाह संपन्न हुआ, जिसमें 43 जोड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, लेकिन दो जोड़ियां अनुपस्थित रहीं। इस विवाह समारोह में सभी जोड़ों ने एक साथ जीने और मरने की कसमें खाई। यह आयोजन गरीब और वंचित परिवारों की बेटियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर सामने आया।
सरकार की नई पहल : सामाजिक सुरक्षा का विश्वास
खंड विकास अधिकारी विजय कुमार ने समारोह में बताया कि पहले गरीब परिवारों के लिए 35,000 रुपये का अनुदान दिया जाता था, लेकिन अब सरकार द्वारा 51,000 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, इस बार प्रशासन ने एक नई पहल की है, जिसके तहत विवाह के बाद हर जोड़े को एक मैरिज प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इस पहल से न केवल सामाजिक सुरक्षा का विश्वास मिलेगा, बल्कि यह समाज में पारदर्शिता और एकता को भी बढ़ावा देगा।
समाज के सभी वर्गों का समर्थन
इस ऐतिहासिक सामूहिक विवाह समारोह में ब्लॉक प्रमुख अजय सिंह, एडीओ समाज कल्याण सौरभ सिंह, पंचायत प्रमुख राजेश कुमार सिंह, सरोज कुमार यादव, रामबदन सिंह यादव, और कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को सराहा और इसे समाज में प्रेम और सौहार्द फैलाने का एक अहम कदम बताया।
समाज में समानता और भाईचारे का संदेश
यह सामूहिक विवाह समारोह केवल एक पारिवारिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह समाज में समानता, भाईचारे और प्रेम का संदेश देने का एक बेहतरीन उदाहरण था। हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच हो रहे इस विवाह ने यह साबित कर दिया कि समाज में आपसी समझ और सहयोग से हर प्रकार की बाधाएं आसानी से पार की जा सकती हैं।
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