यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान जबरदस्त सुरक्षा के दावों के बीच वाराणसी के विभिन्न केंद्रों से चार सॉल्वर पकड़े गए। इनमें दो प्रयागराज के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पकड़े गए चार सॉल्वर : बायोमैट्रिक पहचान में गड़बड़ी मिली, सुरक्षा पर उठे सवाल
Sep 01, 2024 00:31
Sep 01, 2024 00:31
पकड़े गए सॉल्वरों में प्रयागराज के निवासी अतुल देव पाल के स्थान पर परीक्षा देने आए सतीश कुमार का नाम सामने आया। बायोमैट्रिक पहचान में गड़बड़ी के चलते सतीश कुमार पकड़ा गया। पुलिस ने उसे और अतुल देव पाल को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि सतीश कुमार ने 50 हजार रुपये में परीक्षा देने का सौदा किया था और उसने 10 हजार रुपये एडवांस में लिए थे।
सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद सेंधमारी
जिले के 80 परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। लेकिन इन सॉल्वरों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीएचयू में बायोमैट्रिक पहचान के जरिए सॉल्वर को पकड़ा गया, जिसे तुरंत पुलिस हिरासत में ले लिया गया। पुलिस पकड़े गए सॉल्वरों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस गिरोह का पूरा पर्दाफाश किया जा सके।
सॉल्वरों की गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, बीएचयू स्थित परीक्षा केंद्र पर लंका पुलिस ने तीन सॉल्वरों को पकड़ा। इनमें से एक प्रदीप सिंह, जो प्रतापगढ़ का निवासी है, परीक्षा केंद्र में प्रवेश करते समय पकड़ा गया। उसके पास से फर्जी प्रमाण पत्र बरामद किया गया। दूसरा सॉल्वर श्रीकांत, जो बिहार का निवासी है, किसी और के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। जबकि उसका साथी, विशाल कुमार आनंद, जो आजमगढ़ जिले के ठेकमा का निवासी है, परीक्षा केंद्र के बाहर पकड़ा गया। विशाल के पास से 3-4 एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं, जो उसके सॉल्वर गिरोह से जुड़े होने का संकेत देते हैं। इस घटना ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा में सॉल्वरों का पकड़ा जाना दर्शाता है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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