जनपद के एटीएस सैदपुर स्कूल ने सीमित संसाधनों के बावजूद डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है। स्कूल ने छात्रों को डिजिटल युग से जोड़ने के लिए प्रभावी प्रयास किए, जो आज प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।
एटीएस सैदपुर स्कूल ने डिजिटल शिक्षा में नई मिसाल कायम की : सीमित संसाधनों के बावजूद छात्रों को डिजिटल युग से जोड़ने के प्रयास किए
Nov 29, 2024 18:21
Nov 29, 2024 18:21
Ghazipur News : गाजीपुर जिले के एटीएस सैदपुर स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से एक नई मिसाल कायम की है। सीमित संसाधनों और तकनीकी सुविधाओं की कमी के बावजूद, इस स्कूल ने छात्रों को डिजिटल युग से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए हैं, जो आज एक प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। प्रधानाचार्य वंदना और प्रशिक्षित शिक्षिका प्रियंका के नेतृत्व में, सन् 2022 में बेब्रास चौलेंज जैसे वैश्विक तकनीकी कार्यक्रम को केवल एक मोबाइल फोन और सीमित डेटा का उपयोग करके आयोजित किया गया। बिजली और वाई-फाई की कमी के बावजूद छात्रों ने रात में परीक्षा दी और तकनीकी शिक्षा के प्रति अपनी लगन और उत्साह का प्रदर्शन किया।
समाज कल्याण मंत्री की पहल ने अहम भूमिका निभाई
इस स्कूल की सफलता में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की पहल ने अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, यूपी समाज कल्याण विभाग ने स्कूल को वाई-फाई और टैबलेट जैसी सुविधाएं प्रदान कीं, जिससे छात्रों को आधुनिक तकनीकी प्लेटफॉर्म पर सीखने का अवसर मिला। इससे न केवल छात्रों को फायदा हुआ, बल्कि शिक्षकों ने भी इस बदलाव को आत्मसात किया। जिन शिक्षकों को पहले एक्सेल जैसे सॉफ़्टवेयर का ज्ञान नहीं था, उन्होंने यूट्यूब और अन्य संसाधनों के माध्यम से इसे सीखा। आज ये शिक्षक न केवल डिजिटल रूप से सशक्त हैं, बल्कि छात्रों के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं।
यह स्कूल इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा में कोई भी बाधा नहीं आ सकती यदि इरादा मजबूत हो
विशेष रूप से, छात्रों को पहली बार टैबलेट का उपयोग करते देखना न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि यह ग्रामीण शिक्षा के लिए एक नई दिशा भी निर्धारित करता है। यह स्कूल इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा में कोई भी बाधा नहीं आ सकती यदि इरादा मजबूत हो और शिक्षा को सशक्त बनाने की इच्छा हो। एटीएस सैदपुर स्कूल की यह सफलता अब पूरे राज्य के विद्यालयों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। यह बताता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, सही दिशा और प्रयास से डिजिटल शिक्षा की राह को अपनाया जा सकता है और छात्रों को उज्जवल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन किया जा सकता है।
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