Ghazipur Lok Sabha Seat : बेटी को हराकर पिता बने सांसद, इस सीट पर हुआ आमना-सामना, मिले रिकॉर्ड तोड़ वोट

बेटी को हराकर पिता बने सांसद, इस सीट पर हुआ आमना-सामना, मिले रिकॉर्ड तोड़ वोट
UPT | Afzal Ansari And Nusrat Ansari

Jun 06, 2024 18:48

गाजीपुर लोकसभा सीट पर अफजाल अंसारी एक बार फिर से सांसद चुने गए हैं। अफजाल अंसारी का मुकाबला यहां भाजपा के पारस नाथ राय के साथ था जिन्हें उन्होंने 124861 मतों...

Jun 06, 2024 18:48

Short Highlights
  • अफजाल अंसारी एक बार फिर से सांसद चुने गए
  • अफजाल अंसारी ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था
  • नुसरत गाजीपुर के 10 प्रत्याशियों में पांचवे स्थान पर रहीं
Ghazipur News : हाल ही में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए और इसके नतीजे भी लोगों के सामने आ चुके हैं। जिसके बाद अब देश में नई सरकार का गठन होने जा रहा है। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। वहीं अगर बात करें यूपी की 80 लोकसभा सीटों की तो इसबार बीजेपी को 33 सीट, समाजवादी पार्टी को 37 सीट, कांग्रेस को 6 सीट, राष्ट्रीय लोक दल को 2 और अन्य को भी 2 सीटें मिली हैं। जबकि बसपा के खेमे में सूखा पड़ा रहा। इस बार यूपी की कई सीटों पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जहां एक तरफ कई दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिष्ठा गंवाई वहीं दूसरी तरफ ऐसे नेता भी रहे जिनके चुनाव लड़ने को लेकर अंत तक संदेह बना रहा लेकिन उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज कराई।

गाजीपुर से फिर सांसद बने अफजाल
दरअसल, यूपी की हॉट सीट मानी जाने वाली गाजीपुर लोकसभा सीट पर अफजाल अंसारी एक बार फिर से सांसद चुने गए हैं। अफजाल अंसारी का मुकाबला यहां भाजपा के पारस नाथ राय के साथ था जिन्हें उन्होंने 124861 मतों से हराया। अफजाल अंसारी ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भारी वोटों से जीत हासिल की। गाजीपुर लोकसभा सीट के चर्चा में बने रहने का एक कारण अफजाल अंसारी के छोटे भाई मुख्तार अंसारी को भी माना जाता है। जिसकी बांदा जेल में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। मुख्तार की मौत को लेकर जिला प्रशासन ने बताया कि हार्ट अटैक के चलते मुख्तार की मौत हुई थी, लेकिन दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी का परिवार इसे साजिश करार देता रहा है। अंसारी परिवार ने आरोप लगाया कि जेल में जहर दिए जाने के कारण मुख्तार की मौत हुई थी।

नूरिया अंसारी ने निर्दलीय लड़ा चुनाव
गौरतलब है कि गाजीपुर लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के साथ-साथ उनकी बेटी नुसरत भी चुनाव लड़ रही थीं। बता दें कि गैंगस्टर मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी पर केस चल रहा था। उन्हें इस मामले में सजा भी होने वाली थी। यही वजह है कि अंत तक ऐसा माना जा रहा था कि अगर अफजाल को हाई कोर्ट सजा सुनाता है तो वो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसे में अफजाल अंसारी ने अपनी बड़ी बेटी नुसरत अंसारी को भी गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया। हालांकि, बाद में अफजाल अंसारी को इस मामले में कोर्ट से राहत मिल गई और उन्होंने बेटी नुसरत को अपने लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया। मगर नामांकन दाखिल हो जाने और नामांकन वापसी की तारीख निकल जाने के कारण नुसरत भी चुनावी मैदान में रही। 

नुसरत अंसारी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। साथ ही घर-घर जाकर लोगों से वोट की अपील की। पिता अफजाल अंसारी के सामने उन्होंने चुनाव लड़ा। वहीं जब मंगलवार को मतगणना हुई तो बड़ी बात सामने आई। दरअसल, अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी को बिना चुनाव प्रचार किए 4616 वोट मिले थे। इतना ही नहीं, नुसरत गाजीपुर के 10 प्रत्याशियों में पांचवे स्थान पर रहीं। नुसरत अफजाल अंसारी की तीन बेटियों में सबसे बड़ी हैं। छोटी बेटी नूरिया भी ग्रामीणों के बीच जाकर प्रचार करती नजर आई थीं।

पारस नाथ को इतने वोटों से हराया
लोकसभा चुनाव 2024 में जहां सपा के अफजाल अंसारी को 5399128 वोट मिले वहीं बीजेपी के पारस नाथ राय ने 415051 वोट ही हासिल किए। जबकि बसपा प्रत्याशी उमेश कुमार सिंह को 164601 वोट और विश्व कल्याण राष्ट्रीय मानव समाज पार्टी के प्रत्याशी उमेश कुमार सिंह को 164601 वोट हासिल हुए। हालांकि, पिछली बार अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के मनोज सिन्हा को हराकर सांसद बने थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी को 566082 वोट मिले, जबकि बीजेपी के मनोज सिन्हा को 446690 वोट मिले थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर लोकसभा सीट पर कुल 55.22 प्रतिशत वोटिंग हुई। हालांकि, ये प्रतिशत साल 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 3.44 प्रतिशत कम है। 

Also Read

चार माह का वेतन न मिलने से मीटर रीडर हड़ताल पर, 32 माह का पीएफ भी अटका 

8 Jul 2024 04:22 PM

जौनपुर Jaunpur News : चार माह का वेतन न मिलने से मीटर रीडर हड़ताल पर, 32 माह का पीएफ भी अटका 

बिजली विभाग के मीटर रीडरों ने सोमवार से किया काम बंदकर बेमियादी हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों का कहना है कि चार महीने से वेतन नहीं मिला है। कंपनी की तरफ से 32 महीने का पीएफ भी रोक दिया... और पढ़ें