अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार और भाई विकास ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से न्याय की मांग करते हुए अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर आत्महत्या मामला : परिवार वालों का कहना- मेरे बेटे को न्याय मिले, राष्ट्रपति और पीएम मोदी से की न्याय की गुहार
Dec 11, 2024 12:20
Dec 11, 2024 12:20
न्याय की गुहार
अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार और भाई विकास ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से न्याय की मांग करते हुए अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले। परिवार का कहना है कि अतुल को कोर्ट और सिस्टम ने लाचार बना दिया। जिसकी वजह से उसने ये कदम उठाया।
पिता का बयान- मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए
अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार ने कहा कि उनका बेटा दुःख में था, लेकिन उसने कभी अपने परिवार को अपनी समस्याओं के बारे में नहीं बताया। उन्होंने बताया कि उनकी बहू ने अतुल पर कई झूठे आरोप लगाए और उसे बेंगलुरु से जौनपुर तक लगभग 40 बार आना-जाना पड़ा। यह सब उनकी मानसिक स्थिति को और खराब करता गया। पवन कुमार ने यह भी कहा, "अतुल ने मीडिएशन कोर्ट और सिस्टम को लेकर शिकायत की थी। उसने कहा था कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं करते। उसके खिलाफ बार-बार झूठे आरोप लगाकर उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया गया।" साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए। पवन कुमार ने कहा, "हमारा बेटा सिस्टम के सामने हार गया। अब हमें पूरी जिंदगी इस दर्द के साथ जीना होगा।
भाई का आरोप- पुरुषों के लिए कोई कानून नहीं
अतुल के छोटे भाई विकास ने कहा, "भारत में केवल महिलाओं के लिए कानून बनाए गए हैं, पुरुषों के लिए कुछ नहीं। मेरी भाभी ने अतुल और पूरे परिवार पर झूठे आरोप लगाए। उसने तलाक का केस फाइल किया और लगातार कानूनी परेशानियां खड़ी कीं। मेरा भाई इन सबसे लड़ता रहा, लेकिन आखिरकार हार मान गया।"
परिवार को रात 1 बजे मिली जानकारी
अतुल के परिवार को घटना की जानकारी तब मिली, जब उसने रात 1 बजे अपने छोटे भाई विकास को ईमेल भेजा। ईमेल में उसने अपनी स्थिति का जिक्र किया और अपने दर्द को साझा किया। विकास ने कहा कि अगर उनका भाई समय रहते अपनी समस्याएं साझा करता, तो परिवार उसकी मदद कर सकता था।
अतुल सुभाष का संघर्ष
उत्तर प्रदेश के रहने वाले अतुल सुभाष बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करते थे। उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का एक वीडियो छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष और अपनी पत्नी व ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने का दर्द साझा किया। सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि झूठे आरोपों और कोर्ट के बार-बार चक्कर लगाने की वजह से उनका मानसिक तनाव बढ़ गया था।
पुलिस जांच
पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका हुआ पाया गया। कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिस पर लिखा था, "न्याय मिलना बाकी है।" प्रारंभिक जांच में पता चला कि सुभाष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य झूठे मामलों के चलते उनका मानसिक तनाव बढ़ गया था।
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