पुलिस ने अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 108 और 3(5) के तहत दर्ज की गई है।
अतुल सुभाष आत्महत्या मामला : पुलिस ने लिया बड़ा एक्शन, पत्नी और रिश्तेदारों के खिलाफ केस दर्ज
Dec 11, 2024 17:02
Dec 11, 2024 17:02
पत्नी और रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अतुल सुभाष के भाई बिकास कुमार की शिकायत के आधार पर मराठाहल्ली पुलिस ने निकिता सिंघानिया (अतुल की पत्नी), उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया, और अंकल सुशील सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 108 और 3(5) के तहत दर्ज की गई है। सुभाष ने अपनी मौत से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और डेढ़ घंटे का वीडियो छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपने पत्नी और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे मामले दर्ज करने के आरोप लगाए है।
सुसाइड नोट और वीडियो में गंभीर आरोप
सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में बताया कि उनकी शादी के बाद से ही तनाव बढ़ता गया। उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष ने उन्हें बार-बार परेशान किया और रुपये की मांग की। जब उन्होंने इन मांगों को पूरा करने से इनकार किया, तो उनकी पत्नी 2021 में बेटे को लेकर घर छोड़कर चली गई। इसके बाद, उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए, जिनमें दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में कहा, "मुझे जो पैसे मिलते हैं, उनका उपयोग मेरे खिलाफ साजिश रचने के लिए किया जा रहा है। इससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं। यह न्यायालय और पुलिस व्यवस्था मेरे जैसे लोगों को बर्बाद करने के लिए बनाई गई है।"
न्याय की मांग और अंतिम इच्छाएं
अतुल सुभाष ने अपने परिवार से अपील की कि उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष को उनके शव के पास जाने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनके उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिलती, उनकी अस्थियों का विसर्जन न किया जाए। उन्होंने सुसाइड नोट में यह भी लिखा, "अगर मुझे न्याय नहीं मिलता, तो मेरी अस्थियां अदालत के नाले के बाहर फेंक दी जाएं।"
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका हुआ पाया गया। कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिस पर लिखा था, "न्याय मिलना बाकी है।" प्रारंभिक जांच में पता चला कि सुभाष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य झूठे मामलों के चलते उनका मानसिक तनाव बढ़ गया था।
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