मर्द को भी दर्द होता है : खुदकुशी करने वालों में 10 में से 7 पुरुष होते हैं, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पढ़ लीजिए

खुदकुशी करने वालों में 10 में से 7 पुरुष होते हैं, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पढ़ लीजिए
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Dec 11, 2024 19:09

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, भारत में आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक है। 2022 में, भारत में 1.70 लाख से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 1.22 लाख पुरुष थे।

Dec 11, 2024 19:09

Short Highlights
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी का मामला
  • WHO के अनुसार, हर साल दुनियाभर में 7 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं
Jaunpur News : जौनपुर में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष (34) की मौत ने समाज में आत्महत्या की बढ़ती समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में 7 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं। यह मौतों के प्रमुख कारणों में से तीसरा सबसे बड़ा कारण है। 

पुरुषों में आत्महत्या का अनुपात
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, भारत में आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक है। 2022 में, भारत में 1.70 लाख से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 1.22 लाख पुरुष थे। इसका मतलब है कि हर दिन औसतन 336 पुरुष आत्महत्या करते हैं। हर साढ़े 4 मिनट में एक पुरुष अपनी जान लेता है। आंकड़ों के मुताबिक, 30-45 साल की उम्र के पुरुष आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक हैं। 2022 में इस आयु वर्ग के 54,351 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 77% पुरुष थे। 18-30 साल के आयु वर्ग में यह आंकड़ा 59,108 था, जिनमें से 65% पुरुष थे। पिछले दो दशकों में यह प्रवृत्ति स्थिर रही है। पुरुषों की आत्महत्या का प्रमुख कारण यह है कि समाज पुरुषों को अक्सर "मजबूत" और "समस्याओं को झेलने वाला" मानता है। इसका परिणाम यह होता है कि वे अपनी भावनाओं को साझा नहीं करते, जिससे वे मानसिक रूप से टूट जाते हैं।

आत्महत्या के मुख्य कारण
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या के मुख्य कारणों में पारिवारिक समस्याएं और बीमारियां शामिल हैं। 32% आत्महत्याएं पारिवारिक समस्याओं के कारण हुईं। 19% आत्महत्याएं बीमारियों से उपजे तनाव के कारण हुईं। 8,164 लोगों ने विवाह संबंधी समस्याओं के कारण आत्महत्या की।

पुरुषों में आत्महत्या के पीछे के कारण
पुरुषों द्वारा आत्महत्या करने के पीछे कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं। समाज में पुरुषों को हमेशा शक्तिशाली और मजबूत माना जाता है। इस सोच के कारण वे अपनी भावनाओं को साझा नहीं कर पाते और धीरे-धीरे अवसाद में चले जाते हैं। बेरोजगारी और आर्थिक समस्याओं के कारण पुरुषों में आत्महत्या का जोखिम बढ़ जाता है। शराब और ड्रग्स की लत आत्महत्या की प्रवृत्ति को बढ़ाती है। नशे की वजह से लोग खुद पर नियंत्रण खो देते हैं और कठोर कदम उठा लेते हैं। अतुल जैसे मामलों में झूठे आरोप और कानूनी परेशानियां भी आत्महत्या का कारण बनती हैं।

आत्महत्या और कानूनी प्रावधान
पहले, भारतीय दंड संहिता (IPC) में आत्महत्या की कोशिश करना अपराध था। लेकिन मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 के तहत इसे अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है। यदि यह साबित हो जाए कि व्यक्ति मानसिक तनाव में था, तो उसे सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि, आईपीसी की धारा 224 के तहत लोकसेवकों के काम में बाधा डालने के लिए आत्महत्या की कोशिश करने पर सजा का प्रावधान है। 

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