अटाला मस्जिद को खाली कराने के लिए स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने मुंशफ शहर की अदालत में वाद दाखिल किया था।मुश्लिम पक्ष ने उस वाद की पोषणीयता को लेकर सिविल जज जूनियर डिवीजन के यहां चेलेंज किया.....
जौनपुर अटाला मस्जिद विवाद : कोर्ट ने आज सुनवाई टली, अगली तारीख 18 फरवरी 2025 तय
Jan 04, 2025 16:44
Jan 04, 2025 16:44
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने दायर किया था मुकदमा
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने अटाला मस्जिद को अटाला मंदिर बताते हुए जौनपुर के सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे में उन्होंने अटाला मस्जिद को खाली कराए जाने की मांग की थी। अदालत ने इस मामले को स्वीकार किया और 2 जुलाई 2024 को अटाला मस्जिद का अमीन सर्वे कराने का आदेश दिया था। हालांकि, जब सर्वे टीम अटाला मस्जिद के निरीक्षण के लिए पहुंची, तो मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण सर्वे को बिना किए लौटना पड़ा। इसके बाद हिंदू पक्ष ने अदालत से पुलिस सुरक्षा के साथ अमीन सर्वे कराने की मांग की थी।
मुस्लिम पक्ष की आपत्ति
मुस्लिम पक्ष, जो वक्फ बोर्ड की ओर से मामला देख रहा है, ने सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट में हिंदू पक्ष की याचिका की स्थिरता को चुनौती दी थी, जिसे अदालत ने 22 अक्टूबर 2024 को खारिज कर दिया। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर की, जिसमें अदालत से यह अनुरोध किया गया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट पूजा स्थल अधिनियम पर विचार नहीं कर लेता, तब तक इस केस की सुनवाई नहीं की जाए। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और जब तक वहां कोई निर्णय नहीं आता, तब तक इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
18 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
जिला जज के समक्ष इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी 2025 को होगी। इस तारीख पर दोनों पक्ष अदालत में अपनी-अपनी दलीलें पेश करेंगे। हिंदू पक्ष ने इस दौरान अपनी आपत्तियां लिखित रूप में जिला जज के समक्ष दाखिल की हैं। इस केस की आगामी सुनवाई के बाद ही यह तय होगा कि अटाला मस्जिद के विवाद में अदालत क्या निर्णय देती है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
इस मामले में पहले भी कई महत्वपूर्ण तारीखें निर्धारित की जा चुकी हैं। 16 दिसंबर 2024 को पुलिस सुरक्षा के साथ अमीन सर्वे की मांग की गई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए मांग की थी कि जब तक सुप्रीम कोर्ट पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई और निर्णय नहीं करता, तब तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए। इसके बाद, सिविल कोर्ट जूनियर डिवीजन ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 मार्च 2025 की तारीख तय की है।
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