ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के बैनर तले वाराणसी के शास्त्री घाट पर बिजली निजीकरण और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने और सरकारी कंपनियों को बदनाम करने का आरोप लगाया।
बिजली निजीकरण का विरोध : शास्त्री घाट पर जुटे गुस्साए लोग, सरकार पर उद्योगपतियों को बढ़ावा देने का लगाया आरोप
Dec 04, 2024 18:39
Dec 04, 2024 18:39
12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया
यूपी के पश्चिमांचल एवं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निजीकरण को रोक लगाने की मांग को लेकर माकपा, माकपा भाले एवं मजदूर एवं किसान संगठनों के द्वारा संयुक्त तत्वावधान में वाराणसी के शास्त्री घाट पर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। धरनागत लोगों ने बताया कि निजीकरण देश एवं सरकारी कर्मचारी सबके लिए हानिकारक है।
निजीकरण करना ही बिजली की समस्या का समाधान नहीं
धरना दे रहे शिवनाथ यादव ने बताया कि निजीकरण करना ही बिजली की समस्या का समाधान नहीं है। राष्ट्रीयकृत कंपनी को बदनाम किया जा रहा है। इसमें सरकार द्वारा पूंजीपतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, अडानी जैसे लोगों को निजीकरण कर किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक साल पहले बिजली वालों को निर्देश दिया गया कि अडानी से कोयला खरीदा जाए। जिसका उत्तर प्रदेश बिजली विभाग के सचिव ने विरोध किया कि अडानी का कोयला ऑस्ट्रेलिया से आता है जो महंगा पड़ेगा। कोल इंडिया का कोयला हमें सस्ता पड़ेगा। जिसके कारण सचिव को यहां से हटा दिया गया। इसका मतलब साफ है कि सरकार से पूंजीपतियों को ही बढ़ावा देना चाहती है।
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