धर्म की नगरी काशी में अन्नपूर्णा मंदिर में धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी दर्शन भक्तों ने किया। मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए एक दिन पहले से ही भक्तों की लंबी...
Varanasi News : धनतेरस पर सजा मां अन्नपूर्णा का स्वर्णमयी दरबार, भक्तों पर लुटाया खजाना, दर्शन के लिए एक दिन पहले लगी लाइन
Oct 29, 2024 20:25
Oct 29, 2024 20:25
महादेव की पूजा-अर्चना के बाद की गई खजाने की पूजा
मंदिर के महंत शंकरपुरी के अनुसार, सुबह साढ़े तीन बजे मंदिर का पट भक्तों के लिए खुल गया और माता अन्नपूर्णा, माता लक्ष्मी, भूमि जी और महादेव की पूजा-अर्चना के बाद खजाने की पूजा की गई। इसके बाद महाआरती कर मंदिर को आम भक्तों के दर्शनार्थ खोला गया। भक्तजन यहां से खजाना लेकर जाते हैं, जिसमें सिक्के और लावा शामिल होते हैं। मान्यता है कि इस खजाने को घर में रखने से परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है और समस्याओं का निवारण होता है।
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अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है यह मंदिर
काशी का यह मंदिर अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भक्तों को खजाना बांटा जाता है। देश के विभिन्न राज्यों से भक्तजन यहां पहुंचे हैं, साथ ही विदेशों से भी प्रवासी भारतीय और विदेशी श्रद्धालु माता अन्नपूर्णा के दिव्य दर्शन कर पुण्य लाभ ले रहे हैं।
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भगवान भोलेनाथ ने माता अन्नपूर्णा से ली थी भिक्षा
महंत शंकरपुरी ने बताया कि भगवान भोलेनाथ ने यहीं पर माता अन्नपूर्णा से भिक्षा ली थी। इसके बाद से या परंपरा शुरू हो गई है लोगों को धान का लावा एवं सिक्के को खजाना के रूप में वितरण किया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि माता अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा हजारों साल पुरानी है, इसकी एक झलक मात्र से व्यक्ति के जीवन का कल्याण होता है। श्रद्धालुओं के अनुसार, मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त करने से उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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