आगरा नगर निगम अभी तक शहर के लोगों से शत प्रतिशत हाउस टैक्स नहीं वसूल सका है। जिसके चलते उसे अन्य माध्यमों से अपनी आय को बढ़ाना पड़ रहा है।
Agra News : नगर निगम ने शुरू किया पालतू कुत्ते और बिल्लियों का पंजीकरण अभियान, पंजीकरण न कराने पर जुर्माना
Nov 16, 2024 23:01
Nov 16, 2024 23:01
पालतू पशुओं का पंजीकरण अनिवार्य
आगरा नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि नगर आयुक्त के निर्देशानुसार, नगर निगम की आय को बढ़ाने के लिए लगातार नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, अब शहर में पाले जाने वाले कुत्तों और बिल्लियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 80 हजार से अधिक लोग आगरा में पालतू कुत्ते और बिल्लियां रखते हैं। हालांकि, इनमें से बहुत कम लोगों ने अपने पालतू पशुओं का नगर निगम में पंजीकरण कराया है। नगर निगम की नियमावली के अनुसार, शहर में पाले जाने वाले सभी पालतू कुत्तों और बिल्लियों का पंजीकरण अनिवार्य है।
पंजीकरण शुल्क और जुर्माना की जानकारी
पशु कल्याण अधिकारी के मुताबिक, पंजीकरण शुल्क नस्ल के आधार पर तय किया गया है। देशी नस्ल के कुत्तों के पंजीकरण के लिए शुल्क 100 रुपये रखा गया है, जबकि विदेशी नस्ल के कुत्तों के लिए यह शुल्क 500 रुपये निर्धारित किया गया है। बिल्लियों के लिए भी पंजीकरण शुल्क 100 रुपये है। जो लोग अपने पालतू पशुओं का पंजीकरण नहीं कराएंगे, उनके खिलाफ नगर निगम द्वारा जुर्माना वसूलने की भी योजना है।
जागरूकता अभियान और पंजीकरण की जांच
अधिकारी ने बताया कि अभियान के पहले चरण में, पालतू पशुओं के पंजीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न पेट क्लीनिकों में आने वाले पशु प्रेमियों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। नगर निगम की ओर से जागरूकता अभियान के बाद, पेट क्लीनिकों में किए गए पंजीकरणों की जांच की जाएगी। पंजीकरण न कराने वाले पालतू पशुओं के मालिकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरे चरण में, नगर निगम की टीमें डोर टू डोर जाकर पालतू कुत्तों और बिल्लियों के पंजीकरण की स्थिति की जांच करेंगी।
लोगों से पंजीकरण की अपील
पशु कल्याण अधिकारी ने शहरवासियों से अपील की है कि वे अपने पालतू पशुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराएं। उन्होंने कहा कि पंजीकरण न केवल नगर निगम की आय में योगदान देता है, बल्कि इससे पालतू पशुओं की पहचान और देखभाल में भी सहायता मिलती है। नगर निगम का यह कदम पालतू पशुओं के प्रति जिम्मेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे शहर में पालतू पशुओं की बेहतर देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।