झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग की भयावह घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य सरकार से कड़ी प्रतिक्रिया मांगी है।
झांसी अग्निकांड : 10 नवजातों की मौत पर एनएचआरसी सख्त, राज्य सरकार से जवाब-तलब, विपक्ष ने जताया आक्रोश
Nov 17, 2024 01:40
Nov 17, 2024 01:40
लापरवाही के आरोप में एनएचआरसी सख्त, रिपोर्ट तलब
एनएचआरसी ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया है कि इस घटना की जड़ में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है, जो मानवाधिकारों के हनन का मामला है। आयोग ने सरकार से घटना की एफआईआर की वर्तमान स्थिति, दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं और पीड़ित परिवारों को दी गई मुआवजा राशि के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा है। इसके साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी गई है।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, लापरवाही का आरोप
झांसी की इस दर्दनाक घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर दुख जताते हुए सरकार की नीतियों और प्रशासनिक लापरवाही की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नवजातों की मौत का मुख्य कारण 'ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर' में आग लगना बताया जा रहा है, जो प्रशासन की घोर लापरवाही और खराब गुणवत्ता के उपकरणों के उपयोग को दर्शाता है। अखिलेश यादव ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की है और पीड़ित परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि देने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर सरकार को सजग होना चाहिए, न कि चुनाव प्रचार में व्यस्त रहना चाहिए। उन्होंने गोरखपुर जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी भी दी।
कांग्रेस ने भी किया सरकार पर प्रहार, अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस हादसे को सरकार की लापरवाही और अक्षमता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना चिकित्सा व्यवस्था की खस्ताहाली और सुरक्षा प्रबंधों की कमी को उजागर करती है। अजय राय ने मांग की है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके थे और फायर अलार्म काम नहीं कर रहे थे। साथ ही, अस्पताल स्टाफ भी आग से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं था। अजय राय ने इस घटना के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्वागत के लिए किए गए चूने के छिड़काव की आलोचना करते हुए इसे अमानवीय बताया।
प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल
इस हादसे ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन और राज्य की चिकित्सा सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आग के बाद अस्पताल में मची अफरातफरी के बीच नवजातों की सुरक्षा और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की कमी ने चिकित्सा विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। अब सभी की नजरें एनएचआरसी की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस मामले में सरकार की जिम्मेदारी और भविष्य में सुरक्षा के उपायों को स्पष्ट करेगी।