आगरा नगर में भ्रष्टाचार वर्षों से घुन की तरह अपना बसेरा बना चुका है, अधिकारियों की दबंगई कहें, रसूख या हनक... इन सभी के बावजूद एक अधिकारी पूरी व्यवस्था पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा...
Jul 09, 2024 18:44
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Agra News : आगरा नगर में भ्रष्टाचार वर्षों से घुन की तरह अपना बसेरा बना चुका है, अधिकारियों की दबंगई कहे, रसूख या हनक। इन सभी के बावजूद एक अधिकारी पूरी व्यवस्था पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। इस अधिकारी के खिलाफ शासन को कई बार शिकायतें भी हुई हैं, इस अधिकारी का जलवा आज भी नगर निगम में बरकरार है। अब एक बार फिर यही अधिकारी चर्चाओं में आ गए हैं। जी, हम बात कर रहे नगर निगम के इंजीनियर आरके सिंह की। इन्हीं आरके सिंह पर सड़कों के निर्माण में 50 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। यह भ्रष्टाचार नगर निगम में 14वें और 15वें वित्त आयोग में मिली धनराशि में किया गया है। सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। नई सड़कों की निर्माण सामग्री के नमूने नहीं लिए गए।
700 करोड़ रुपये की धनराशि मिली
आरोप है कि नगर निगम हरीपर्वत जोन की कई सड़कें बनने के कुछ माह के बाद ही धंस गईं या फिर उनमें गड्ढे हो गए। घटिया गुणवत्ता की जो भी शिकायतें हुईं। जोनस्तर से उन सभी की ठीक से जांच नहीं की गई। नगर निगम के इंजीनियर आरके सिंह आठ साल से नगर निगम में तैनात हैं। वह आगरा स्मार्ट सिटी के पहले नोडल अधिकारी रहे। आरके सिंह सबसे अधिक हरीपर्वत जोन में तैनात रहे हैं। ताजगंज जोन का अतिरिक्त चार्ज रहा। नगर निगम को 14वें और 15वें वित्त आयोग से 700 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। 200 करोड़ रुपये से अधिक से सड़कों का निर्माण किया गया है।
टेंडर में 20 से 25 प्रतिशत का कमीशन लिया गया
ग्वालियर रोड निवासी अशोक कुशवाहा का कहना है कि चहेते ठेकेदारों को टेंडर देने के लिए नियम और शर्तों में बदलाव किया गया। इसकी जानकारी निगम के उच्च अधिकारियों को नहीं दी गई। कई ऐसी शर्त जोड़ दी गईं जो चहेते ठेकेदार के पास ही थी। इससे टेंडर आसानी से मिल गया। टेंडर में 20 से 25 प्रतिशत का कमीशन लिया गया। एक बार कार्य शुरू होने के बाद आरके सिंह अधिकांश सड़कों की जांच करने के लिए ऑफिस से बाहर नहीं निकल सके। जूनियर इंजीनियर या फिर सहायक इंजीनियर को भेजा गया। हर फाइल में हस्ताक्षर किए गए। सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता की ठीक से निगरानी न होने के चलते यह जल्द खराब होने लगीं। सबसे अधिक सड़कें हरीपर्वत जोन की धंसी या फिर गड्ढे हुए हैं। इसे लेकर शिकायतें भी हुईं, इन्हें दबा दिया गया।
अधिशासी अभियंता की ओर से नहीं मिली प्रतिक्रिया
अधिशासी अभियंता आरके सिंह का पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन काल रिसीव नहीं हुई।
आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू
वहीं इस संबंध में अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार सिंह का कहना है कि नगर निगम के अधिशासी अभियंता आरके सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो गई है। शिकायतकर्ता से सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। जल्द ही बयान के लिए भी बुलाया जाएगा।