दिवाली के बाद आगरा की हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इससे शहर में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। आतिशबाजी और मौसम के बदलते मिजाज के चलते ताजमहल पर भी धुंध की परत चढ़ गई है...
दिवाली के बाद आगरा में सांस लेना हुआ मुश्किल : ताजमहल पर छाई धुंध, बढ़ते प्रदूषण से लोगों की सेहत पर खतरा
Nov 01, 2024 13:02
Nov 01, 2024 13:02
बढ़ते प्रदूषण से सेहत पर बुरा असर
आगरा निवासी विशेष रूप से बुजुर्ग, अस्थमा, और हृदय रोग से पीड़ित लोग, बढ़ते प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। औसतन शहर का एक्यूआई स्तर 200 के आसपास बना हुआ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर मानकों से 4.1 गुना अधिक दर्ज किया गया है। मनोहरपुर, रोहता, ताजमहल क्षेत्र, शास्त्रीपुरम और आवास विकास कॉलोनी जैसे इलाके प्रदूषण की चपेट में सबसे ज्यादा हैं, जहां पर हवा की गुणवत्ता अत्यंत खराब है। हवा में सांस लेने पर घुटन, आंखों और नाक में जलन, गले में खराश और खांसी जैसी समस्याएं लोगों को परेशान कर रही हैं।
त्योहार के बाद हालात और खराब
दिवाली की आतिशबाजी के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। प्रशासनिक स्तर पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) 15 अक्तूबर से लागू किया गया है, लेकिन प्रदूषण रोकने के उपाय सीमित नजर आ रहे हैं। एडीए, पीडब्ल्यूडी, मेट्रो, नगर निगम, जल निगम, और यातायात पुलिस जैसे विभागों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए सक्रिय भूमिका निभानी है, मगर फिलहाल नगर निगम की ओर से सिर्फ सड़कों पर छिड़काव तक के प्रयास किए जा रहे हैं, जो पर्याप्त नहीं है।
प्रदूषण से बचाव के सुझाव
चिकित्सकों ने सलाह दी है कि प्रदूषण से बचने के लिए लोग बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें और जितना संभव हो घर से बाहर जाने से बचें। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमारियों से ग्रस्त लोगों को घर के भीतर ही रहना चाहिए। एयर प्यूरीफायर का उपयोग भी वायु की गुणवत्ता को बेहतर करने में मददगार हो सकता है। पर्यटन स्थल पर प्रदूषण का यह बढ़ता स्तर न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों के लिए भी चिंता का कारण बन गया है।
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