आगरा, ताजमहल के साथ साथ कल-कल बहती कालिंदी के लिए भी विख्यात है। किसी समय कालिंदी ही आगरा के लोगों के लिए पीने के पानी का एकमात्र स्रोत हुआ करती थी, लेकिन आधुनिकता एवं विकास की अंधी दौड़ ने यमुना...
Agra News : यमुना नदी को साफ करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अधिकारी असमंजस में...
Jun 24, 2024 17:21
Jun 24, 2024 17:21
आदेश के पालन को मांगे सुझाव
मानसून की बारिश के करीब आने के साथ ही, आगरा जिला प्रशासन खुद को मुश्किल और बड़ी दुविधा की स्थिति में पा रहा है, क्योंकि उसे आगरा में यमुना नदी के तल से गाद निकालने और ड्रेजिंग करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन करने का काम सौंपा गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे नदी की सफाई के अभूतपूर्व काम को देखते हुए विशेष सरकारी एजेंसियों से परामर्श कर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन प्राधिकरण और आगरा विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष, मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने मार्गदर्शन के लिए विशेषज्ञ समूहों से संपर्क किया है। उनके सुझावों के बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी।
कोर्ट के आदेश पर फिलहाल अमल संभव नहीं
स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं को चिंता है कि जब तक कोई कार्रवाई योग्य सुझाव प्राप्त नहीं हो जाते, तब तक नदी में बाढ़ आ जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि नदी के उच्च जलस्तर के कारण अगले साल फरवरी तक कोई काम आगे नहीं बढ़ सकता है। सरकार की तत्परता की कमी की के कारण बहुमूल्य समय बर्बाद हो गया है। यह देखना दुखद है कि सरकार के किसी भी स्तर पर तत्परता की भावना नहीं है। अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आगरा में यमुना नदी के तल से गाद, कचरा और कीचड़ साफ करने का आदेश दिया था। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था। पीठ ने सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद ले सकती है।
11 जुलाई तक जमा करना है हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि नदी की सफाई एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए। केंद्र सरकार, यूपी सरकार और आगरा विकास प्राधिकरण को अब तक की अपनी कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यमुना नदी के तल को साफ करने के लिए जिम्मेदार विशिष्ट निकायों पर भी स्पष्टता की मांग की। इन एजेंसियों को 11 जुलाई तक अपने हलफनामे जमा करने होंगे। जिला मजिस्ट्रेट और स्थानीय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नेतृत्व वाली समिति की सिफारिश के बाद आगरा विकास फाउंडेशन द्वारा याचिका दायर की गई थी। ताजमहल पर बैक्टीरिया के हमले के कारण गाद निकालने और ड्रेजिंग की सिफारिश की गई थी। अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि नदी के तल पर प्रदूषित जल के गड्ढे 2015 से ही ताजमहल की सफेद संगमरमर की सतह को नुकसान पहुँचाने वाले बैक्टीरिया के प्रजनन के लिए आधार रहे हैं। जैन ने नदी को पुनर्जीवित करने और जलरिसाव में बाधा डालने वाले जलभृतों को साफ करने के लिए कैलाश मंदिर से ताजमहल तक नदी तल की सफाई की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया था।
रिवर कनेक्ट अभियान के सदस्य करते रहे हैं मांग
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश ने रिवर कनेक्ट अभियान के सदस्यों के बीच उम्मीद जगाई है, जो लंबे समय से ताजमहल के पास डाउनस्ट्रीम बैराज बनाने से पहले नदी की सफाई की वकालत करते रहे हैं। गौरतलब है कि रिवर कनेक्ट अभियान के अंतर्गत कई वर्षों से एत्माद्दौला व्यू प्वाइंट पर नियमित रूप से यमुना आरती की जाती है। अब यह स्थल यमुना आरती स्थल बन चुका है। रिवर कनेक्ट अभियान के सदस्य आगरा प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से लगातार नदी के अविरल बहने की मांग करते रहे हैं।
Also Read
7 Jul 2024 08:19 PM
बरसाने के राधारानी मंदिर में केक काट केक काटने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है... और पढ़ें