ताज नगरी आगरा सहित पूरे उत्तर प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद, लोग इन ठगों के जाल में फंसते जा रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट की घटना को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को आगरा पुलिस ने किया गिरफ्तार : गैंग का मुखिया था इंजिनियरिंग संकाय का टॉपर
Oct 10, 2024 22:36
Oct 10, 2024 22:36
- आगरा में एक सरकारी अधिकारी के साथ डिजिटल अरेस्ट की घटना को दिया था अंजाम
- 15 लाख रुपये की थी ठगी, ऐसे आए पुलिस की पकड़ में
आगरा में डिजिटल अरेस्ट का मामला
आगरा पुलिस को इस मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसीपी आदित्य कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं को अंजाम देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके थे। पुलिस उपायुक्त सूरज राय ने बताया कि यह अपराधी किसी सामान्य गैंग से नहीं हैं, बल्कि एक संगठित कंपनी बनाकर अपराध करते थे। इस गैंग का मुखिया सुहेल अकरम, दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी का इंजीनियरिंग संकाय का टॉपर रहा है।
मुखिया सुहेल अकरम गिरफ्तार
पूछताछ में पता चला कि सुहेल ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई और पहले बैटिंग ऐप के जरिए पैसे ठगे। जब पुलिस ने बैटिंग ऐप पर शिकंजा कसा, तो उन्होंने नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने का नया तरीका अपनाया। इस गैंग ने आगरा के सरकारी अधिकारी के साथ 15 लाख रुपये की ठगी की, जबकि उसी दिन उन्होंने देश के अन्य शहरों में भी ठगी कर कुल 2 करोड़ 73 लाख रुपये कमाए।
संगठित अपराध का खुलासा
डीसीपी सूरज राय ने इस मामले को उत्तर प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट की पहली गिरफ्तारी बताया। एसीपी आदित्य कुमार की टीम को 25,000 रुपये का नगद इनाम देने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि इस गैंग की जड़ें कई राज्यों में फैली हुई हैं और ये लोग दिल्ली से इन घटनाओं को अंजाम देते थे। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में सुहेल अकरम, मोहम्मद राजा रफीक, मोहम्मद दानिश, और मोहम्मद कादिर शामिल हैं। डीसीपी ने यह भी बताया कि जिन खातों में ठगी की गई रकम ट्रांसफर की गई थी, उन्हें सीज कर दिया गया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस ने कहा है कि जल्द ही इस मामले में और बड़ी गिरफ्तारियों की उम्मीद है, जिससे लोगों को इन ठगों से राहत मिल सके।