आगरा में बाल दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता अभियान : बच्चों ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ उठाई आवाज, विश्वविद्यालय के छात्रों का भी मिला समर्थन

बच्चों ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ उठाई आवाज, विश्वविद्यालय के छात्रों का भी मिला समर्थन
UPT | आगरा में बाल दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता अभियान

Nov 13, 2024 21:57

भिक्षा नहीं शिक्षा दो, जीवन को संवार दो। नकद पैसे देकर भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें। कुछ ऐसे ही स्लोगन के साथ एमजी रोड हरी पर्वत चौराहे पर बच्चे शहरवासियों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करते नजर आए...

Nov 13, 2024 21:57

Agra News : "भिक्षा नहीं शिक्षा दो, जीवन को संवार दो।" इसी संदेश के साथ एमजी रोड के हरी पर्वत चौराहे पर बच्चों ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ शहरवासियों को जागरूक किया। बाल दिवस की पूर्व संध्या पर चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के नेतृत्व में इन बच्चों ने राहगीरों को बताया कि वे भी एक समय पर भीख मांगते थे, लेकिन अब शिक्षा के माध्यम से उन्होंने अपना जीवन बदल लिया है। इन बच्चों का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और यह संदेश देना था कि नकद पैसे देकर भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें, बल्कि बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित करें।

हर कोई बना बच्चों के प्रयास का समर्थक
बुधवार की शाम को हरी पर्वत थाना के सामने चौराहे पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। वहां आमतौर पर बच्चे और महिलाएं भीख मांगते नजर आते थे, लेकिन इस बार वही स्थान बच्चों के जागरूकता अभियान का केंद्र बन गया। ट्रैफिक सिग्नल पर बच्चों ने रुकने वाले राहगीरों से भिक्षावृत्ति न बढ़ाने की अपील की। इस अनोखी पहल की सराहना हर किसी ने की। लोगों ने बच्चों के संदेश को गंभीरता से लिया और संकल्प लिया कि वे भीख नहीं देंगे, बल्कि जरूरतमंद बच्चों की मदद शिक्षा के माध्यम से करेंगे।

आगरा अगेंस्ट चाइल्ड बैगिंग अभियान की पहल
चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि बच्चों को जबरन भीख मंगवाने के लिए संगठित गिरोह सक्रिय हैं। इन गिरोहों द्वारा बच्चों का तस्करी करके उनका शोषण किया जाता है, और अगर वे भीख नहीं मांगते हैं, तो उन्हें कठोर यातनाओं का सामना करना पड़ता है। इस अमानवीय व्यवहार को रोकने के लिए नरेश पारस ने 'आगरा अगेंस्ट चाइल्ड बैगिंग' नामक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद लोगों को यह समझाना है कि बच्चों को नकद पैसे देने से भिक्षावृत्ति की समस्या बढ़ती है। उन्होंने बताया कि अगर हम नकद पैसे देना बंद कर दें, तो भिक्षावृत्ति के संगठित कारोबार पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और इस धंधे की कमर टूट जाएगी।

शिक्षा के माध्यम से बेहतर भविष्य की ओर कदम
इस जागरूकता अभियान में भाग लेने वाले बच्चे आगरा की झुग्गी बस्तियों से आते हैं, लेकिन उन्होंने शिक्षा के जरिए अपनी पहचान बनाई है। शेर अली खान, जो अब आरबीएस कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा है, इसी बदलाव का एक उदाहरण है। साथ ही, निर्जला, करीना, और कामिनी 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं, जबकि आज़ाद और संजीत 10वीं कक्षा में हैं। इन बच्चों ने नरेश पारस के नेतृत्व में भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाया है।



विश्वविद्यालय के छात्रों का भी मिला समर्थन
इस अभियान में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एमएसडब्ल्यू के छात्र गौरव और विक्की भी शामिल हुए, जिन्होंने बच्चों के प्रयास को सराहा और उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके अनुसार, बच्चों द्वारा चलाया गया यह अभियान समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। 

भविष्य की ओर एक नई उम्मीद
आगरा के इस जागरूकता अभियान ने यह साबित कर दिया है कि अगर बच्चों को सही मार्गदर्शन और शिक्षा मिले, तो वे अपने जीवन को बेहतर दिशा में ले जा सकते हैं। भिक्षावृत्ति की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग जरूरी है। इस अभियान ने न केवल बच्चों के भविष्य को रोशन करने की कोशिश की है, बल्कि समाज को एक नया संदेश भी दिया है कि हमें जरूरतमंदों की मदद शिक्षा के माध्यम से करनी चाहिए, न कि भीख देकर।

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