आगरा पुलिस भी हुई हाईटेक: कमिश्नरेट में B.P.O प्रणाली लागू, अपराध पर रोकथाम से सत्यापन तक की होगी जिम्मेदारी

कमिश्नरेट में B.P.O प्रणाली लागू, अपराध पर रोकथाम से सत्यापन तक की होगी जिम्मेदारी
UPT | आगरा पुलिस  कमिश्नरेट कार्यालय

Feb 10, 2024 17:02

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश पुलिस को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। यूपी पुलिस को हाईटेक बनाया जा रहा है, जिससे अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके।

Feb 10, 2024 17:02

Agra News (Pradeep Rawat) : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश पुलिस को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। यूपी पुलिस को हाईटेक बनाया जा रहा है, जिससे अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके। इसी क्रम में अब आगरा पुलिस कमिश्नरी भी हाईटेक और परिवर्तनशील होती दिखाई दे रही है। जहां स्मार्ट सिटी आगरा में पुलिस द्वारा ट्रेफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान शत प्रतिशत ऑनलाइन होते हुए दिखाई दे रहे हैं, वहीं सिविल पुलिस को भी हाईटेक बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में आगरा पुलिस ने सिपाही और कांस्टेबल को बीपीओ की जिम्मेदारी भी देना सुनिश्चित किया है। आगरा पुलिस कमिश्नरेट में बीट पुलिस अब बीट पुलिस अधिकारी कहलाएगें। क्षेत्र में घटने वालें अपराधों की जिम्मेदारी B.P.O की होगी। वहीं पासपोर्ट, किराएदार, शस्त्र लाइसेंस सहित चरित्र प्रमाणपत्र का सत्यापन भी B.P.O करेंगे। इसके साथ छुट्टियां भी ऑनलाइन माध्यम से मिलेंगी।

बीट पुलिस अधिकारी करेंगे स्मार्ट पुलिसिंग
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में बीट पुलिस अधिकारी प्रणाली को लागू किया गया हैं। जिसके बाद बीट सिपाहियों की जिम्मेदारी अब एक अधिकारी के बराबर की होगी। जिले के शहरी, पूर्वी और पश्चिम जोन में 1683 बीट को दो भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें शहरी जोन में 615 और ग्रामीण जोन में 1068 बीट पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई हैं। अभी तक बीट पुलिस सिर्फ घटनास्थल पर पहुँच कर लॉ एंड आर्डर का पालन कराती थीं। इसके अतिरिक्त कार्य थानाध्यक्ष के पास थे। लेकिन अब प्रमाणपत्रों के सत्यापन, समन, वारंट तामील कराना, क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखना, गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर सहित किस पर गुंडा एक्ट तामील करना है, इसकी पुष्टि भी बीट पुलिस अधिकारी करेंगे। क्षेत्र में कोई गंभीर अपराध घटने पर जिम्मेदारी बीट पुलिस अधिकारी की ही होगी। इसके अलावा B.P.O को कई और अधिकार सौंपे गए हैं, जिनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी B.P.O के कांधो पर डाली गई है।

अब ऑनलाइन लीव सिस्टम से मिल रही छुट्टियां
पुलिस विभाग में छुट्टियों को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी रहती हैं। अधिकारियों की मर्जी के अनुसार सिपाहियों को अभी तक लिखित प्रार्थनापत्र पर छुट्टियां स्वीकृत की जाती थी। लेकिन अब विभाग में ऑनलाइन लीव सिस्टम (O.L.S.) लागू कर दिया गया है। जिसकी शुरुआत पश्चिमी जोन में कर दी गयी है। एसीपी मयंक पाठक ने बताया कि अब सिपाही CMS के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करेंगे, अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से ही छुट्टियों को स्वीकृति प्रदान करेंगे। जिसका प्रिंटआउट निकालकर आवेदक थाने से अपनी रवानगी करा पाएंगे।

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