उत्तर प्रदेश की स्कूली शिक्षा में व्यापक बदलाव के तहत परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
यूपी में शिक्षा क्रांति : प्राइमरी स्कूलों को मिलेगा मॉडर्न लुक, बच्चों के लिए आलमारियां और स्मार्ट क्लास
Nov 22, 2024 00:52
Nov 22, 2024 00:52
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सुधार
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 1.32 लाख परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें से बेसिक शिक्षा विभाग की योजना है कि इनमें से आधे विद्यालयों को सभी आवश्यक संसाधनों से सुसज्जित किया जाए। इस योजना के तहत छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास, आलमारियां, आधुनिक लाइब्रेरी, किचेन-कैंटीन, स्वच्छ शौचालय और शुद्ध पेयजल जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
खेल और पर्यावरण पर जोर
इसके अलावा, बच्चों के खेलने के लिए अच्छे मैदान तैयार किए जाएंगे और पर्यावरण की दृष्टि से इन स्कूलों को हरियाली से भरपूर बनाया जाएगा। इससे न केवल छात्रों के शारीरिक विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि वे पर्यावरण के प्रति भी जागरूक होंगे।
शिक्षकों की कमी को किया जाएगा दूर
इस योजना के तहत यदि किसी विद्यालय में शिक्षकों की कमी है, तो उसे भी पूरा किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने उन विद्यालयों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं, जहां पर सुधार की जरूरत है। इसके बाद, उनकी आवश्यकताओं के अनुसार बजट तैयार किया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सभी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके।
सुरक्षा और तनावमुक्त माहौल पर ध्यान
सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों को स्कूलों में एक सुरक्षित और तनावमुक्त माहौल दिया जाए, ताकि वे शिक्षा प्राप्ति के लिए उत्साहित रहें। इसी उद्देश्य से स्कूलों में सुरक्षा मानकों को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। इन विद्यालयों को इस प्रकार से तैयार किया जाएगा कि बच्चे वहां खुश और सुरक्षित महसूस करें और शिक्षा की ओर उनका रुझान बढ़े।
परिषदीय विद्यालयों को आदर्श बनाने की योजना
सरकार का उद्देश्य है कि आदर्श विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा की ओर आकर्षित किया जाए। ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा, जहां वे शिक्षा को आनंद के रूप में स्वीकार कर सकें। स्मार्ट क्लास, बेहतर पुस्तकालय, साफ-सुथरे शौचालय और खेलकूद की सुविधाएं बच्चों की शिक्षा को और भी समृद्ध बनाएंगी।
आगे की रणनीति
बेसिक शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों के सुधार के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ तालमेल बैठाकर आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी। इस सुधार से उम्मीद है कि आने वाले समय में प्रदेश के परिषदीय विद्यालय भी प्राइवेट स्कूलों की तरह आकर्षक और प्रभावशाली बन सकेंगे।
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