सिविल सोसायटी के पदाधिकारियों ने आगरा महानगर योजना 2031 में हरित क्षेत्र में कटौती पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस बदलाव से सिविल एन्क्लेव परियोजना की स्वीकृतियां प्रभावित हो सकती हैं, जिससे परियोजना की स्वीकृति फिर से प्राप्त करने के लिए लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
हरित क्षेत्र में कटौती पर आपत्ति : सिविल सोसाइटी ने संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की, आवश्यक कदम उठाने की मांग
Dec 17, 2024 15:33
Dec 17, 2024 15:33
सिविल सोसायटी का आपत्ति पत्र
सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि मंडल ने आगरा विकास प्राधिकरण, मुख्य नगर नियोजक और अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर अपनी शंकाओं और आपत्तियों से अवगत कराया है। उनका कहना है कि महानगर योजना 2031 में सिविल एन्क्लेव के निर्माण से जुड़े क्षेत्र में पर्यावरणीय बदलाव की स्थिति में परियोजना की स्वीकृति प्रक्रिया में अड़चनें आ सकती हैं। सिविल सोसायटी ने यह भी उल्लेख किया कि प्रस्तावित बदलाव से सिविल एन्क्लेव परियोजना में देरी हो सकती है, जिससे नागरिक उड्डयन विभाग और संबंधित सरकारी अधिकारियों के बीच तालमेल में भी कमी आ सकती है।
सिविल एन्क्लेव का महत्वपूर्ण स्थान
सिविल एन्क्लेव परियोजना का उद्देश्य आगरा में एक प्रमुख हवाई अड्डा स्थापित करना है, जो नागरिक उड्डयन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही यह एयरफोर्स स्टेशन के साथ भी जुड़ेगा, जिससे दोनों संस्थाएं एकसाथ काम करेंगी। सिविल सोसायटी का कहना है कि सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए पहले ही पर्यावरणीय अनुमतियां ली जा चुकी हैं, और यदि किसी भी प्रकार की योजना में बदलाव किया जाता है, तो इसे फिर से सुप्रीम कोर्ट और अन्य संबंधित प्राधिकरणों से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इससे परियोजना की गति धीमी हो सकती है।
हरित क्षेत्र में कटौती का असर
सिविल सोसायटी का यह मानना है कि आगरा के मास्टर प्लान में हरित क्षेत्र की कमी से सिविल एन्क्लेव के निर्माण में रुकावट आ सकती है, क्योंकि डीपीआर (Detailed Project Report) में पहले से ही हरित क्षेत्र को प्रमुख रूप से चिन्हित किया गया है। यदि इस क्षेत्र में बदलाव होता है, तो यह पूरी परियोजना की वैधता को प्रभावित कर सकता है। खासकर ताज ट्रिपेजियम जोन और स्थानीय पर्यावरण को लेकर चिंता व्यक्त की गई है, क्योंकि यह क्षेत्र प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
सिविल एन्क्लेव रक्षा क्षेत्र से जुड़ा है
सिविल सोसायटी के पदाधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सिविल एन्क्लेव परियोजना को आगरा के रक्षा क्षेत्र के अंतर्गत माना जाना चाहिए। इसे केंद्रीय सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है और इसके लिए वायुसेना की अनुमति भी आवश्यक होगी। सिविल एन्क्लेव का एक भाग वायुसेना परिसर के पास स्थित है, जिससे इसकी योजना में कोई भी बदलाव वायुसेना की स्वीकृति से ही संभव होगा। सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए इस स्थान पर कोई भी बदलाव बिना वायुसेना की अनुमति के नहीं किया जा सकता।
एयरपोर्ट प्राधिकरण से विचार-विमर्श
सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि मंडल ने एयरपोर्ट के निदेशक से भी मुलाकात की और योजना में बदलाव के संभावित प्रभावों पर चर्चा की। एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि सिविल एन्क्लेव के पहले चरण का काम पहले से ही जारी है, और दूसरे चरण के लिए भी अनुमति मिल चुकी है। इस प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी से बचा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति और पर्यावरणीय पहलू
सिविल सोसायटी के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि सिविल एन्क्लेव परियोजना की स्वीकृति सुप्रीम कोर्ट, पर्यावरण मंत्रालय और वायुसेना से प्राप्त हो चुकी है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी भी प्रकार के पर्यावरणीय बदलाव से परियोजना की गति और योजना पर प्रतिकूल असर न पड़े। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा पहले ही कड़ी निगरानी रखी गई है और किसी भी तरह के बदलाव से इस निगरानी में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।
प्रधानमंत्री का शिलान्यास और सरकारी स्वीकृतियां
पूर्व पार्षद डॉ. शिरोमणि सिंह ने कहा कि यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास की गई किसी परियोजना के पर्यावरणीय पहलू में बदलाव के लिए राज्य सरकार की एजेंसी द्वारा सुझाव दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव को मंजूरी देने से पहले सभी संबंधित पक्षों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए।
किसी भी प्रकार के बदलाव से पहले सभी पहलुओं का गहन अध्ययन करें
सिविल सोसायटी और अन्य संबंधित अधिकारियों ने आगरा के नागरिक उड्डयन विभाग से यह अपील की है कि वे महानगर योजना 2031 में किसी भी प्रकार के बदलाव से पहले सभी पहलुओं का गहन अध्ययन करें और सुनिश्चित करें कि सिविल एन्क्लेव की परियोजना पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। इस परियोजना का नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान होगा और इसके सफलतापूर्वक कार्यान्वयन से आगरा का विकास सुनिश्चित होगा।
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