तेज प्रताप के नामांकन में दिखी परिवार की एकता : अखिलेश यादव की बेटी अदिति भी आईं साथ, एकतरफा जीत का दावा किया

 अखिलेश यादव की बेटी अदिति भी आईं साथ, एकतरफा जीत का दावा किया
UPT | तेजप्रताप के नामांकन के लिए पहुंचे सपा नेता।

Oct 21, 2024 14:20

मैनपुरी से करहल विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी तेज प्रताप यादव ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, सपा सांसद डिंपल यादव, राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव, आदित्य यादव और अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव भी मौजूद थीं।

Oct 21, 2024 14:20

Mainpuri News : मैनपुरी से करहल विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी तेज प्रताप यादव ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, सपा सांसद डिंपल यादव, राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव, आदित्य यादव और अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव भी मौजूद थीं। आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव भी तेज प्रताप के साथ उपस्थित रहे। सपा ने नामांकन के बाद मैनपुरी में कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की। सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने कहा कि नामांकन के बाद सपा कार्यालय पर चुनावी मंथन किया जाएगा।


सैफई परिवार का समर्थन, एकजुटता का संदेश
नामांकन के दौरान सैफई परिवार के सदस्य एकजुट दिखे। सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव, सैफई से रामगोपाल यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मैनपुरी कलेक्ट्रेट पहुंचे। नामांकन के दिन सैफई परिवार की उपस्थिति ने पार्टी के अंदर एकता का संदेश दिया। सैफई में सपा संरक्षक की समाधि से आशीर्वाद लेकर तेज प्रताप यादव नामांकन के लिए रवाना हुए, जो इस बात का संकेत था कि परिवार एकजुट है और इस चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में है।

करहल उपचुनाव: रामगोपाल यादव का एकतरफा जीत का दावा
सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने तेज प्रताप के नामांकन के बाद करहल उपचुनाव में एकतरफा जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में किसी भी दल का मुकाबला नहीं है और सपा बड़े अंतर से जीतने जा रही है। जब उनसे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा शाक्य प्रत्याशी उतारने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बसपा वही करेगी जो भाजपा कहेगी और इससे चुनावी नतीजों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बहराइच में सरकार की कार्रवाई को भी लेकर सवाल उठाए।

अखिलेश यादव की बेटी अदिति की मौजूदगी
तेज प्रताप यादव के नामांकन के समय अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव की मौजूदगी चर्चा का विषय रही। अदिति यादव का चुनावी मंच पर आना, पार्टी के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे यह भी संदेश गया कि समाजवादी पार्टी में नई पीढ़ी भी सक्रिय रूप से राजनीति में कदम रख रही है। अदिति की इस उपस्थिति ने पार्टी के भीतर एकता और अखिलेश यादव के परिवार के समर्थन को और मजबूती दी है।

जनसंपर्क अभियान: तेज प्रताप ने मांगा समर्थन
सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव ने नामांकन से एक दिन पहले करहल विधानसभा के विभिन्न गांवों में जनसंपर्क किया। उन्होंने मैनपुरी ब्लॉक के रैपुरा, कीरतपुर, रूपपुर, और नगला बघी गांवों में जाकर मतदाताओं से मुलाकात की और अपने समर्थन में वोट की अपील की। इस दौरान उन्होंने सपा सरकार के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया और लोगों को पार्टी के साथ जुड़ने का आह्वान किया। उनके साथ विधायक बृजेश कठेरिया, सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य, पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, और जयवीर सिंह यादव भी उपस्थित थे।

करहल विधानसभा: सपा का गढ़
करहल विधानसभा सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गांव सैफई से सटी हुई है। इस क्षेत्र में सपा का प्रभाव लंबे समय से बना हुआ है। मुलायम सिंह यादव के समय से ही यह सीट सपा का गढ़ रही है। करहल में यादव मतदाताओं की संख्या अधिक है, जिससे सपा का यहाँ जनाधार मजबूत है। 1993 से 2022 तक इस विधानसभा सीट पर हुए सात चुनावों में सपा ने छह बार जीत हासिल की है, जबकि भाजपा केवल 2002 में एक बार जीत दर्ज कर पाई थी।

अखिलेश का पहला विधानसभा चुनाव: करहल की अहमियत
वर्ष 2022 में अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को मैदान में उतारा था। लेकिन सपा की जड़ें इस क्षेत्र में इतनी गहरी थीं कि अखिलेश यादव ने एसपी बघेल को 67,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया। यह जीत अखिलेश के राजनीतिक करियर के लिए अहम थी और करहल में सपा की पकड़ को और मजबूत करने में सफल रही थी।

बसपा का मुस्लिम कार्ड: सपा के सामने नई चुनौती
इस बीच, बसपा ने भी करहल विधानसभा में मुस्लिम कार्ड खेलते हुए मीरापुर विधानसभा प्रभारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। बसपा का यह कदम सपा के लिए चुनौती बन सकता है, क्योंकि मुस्लिम वोट बैंक सपा के लिए हमेशा से अहम रहा है। हालांकि, सपा का दावा है कि बसपा की यह रणनीति ज्यादा असर नहीं करेगी और पार्टी बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी।

चुनावी रणनीति पर मंथन: कार्यकर्ताओं में जोश
नामांकन के बाद सपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ। सपा के नेताओं ने कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर पार्टी की नीतियों और विकास कार्यों को लोगों तक पहुँचाने का आह्वान किया। इस दौरान सपा की ओर से यह संदेश दिया गया कि पार्टी चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेगी और विरोधियों को कड़ी टक्कर देगी।

सपा की एकजुटता और भविष्य की राजनीति
सैफई परिवार की एकजुटता और अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा का संगठित रूप इस उपचुनाव में दिखा है। यह उपचुनाव न सिर्फ सपा के लिए बल्कि सैफई परिवार की एकजुटता की परीक्षा भी माना जा रहा है। सपा के समर्थकों में उम्मीद है कि पार्टी एकजुट होकर इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करेगी। वहीं, सपा के दिग्गज नेताओं का चुनावी मंच पर आना और तेज प्रताप का परिवारिक समर्थन पार्टी की मजबूती को दर्शाता है।

करहल उपचुनाव का राजनीतिक महत्व
करहल विधानसभा उपचुनाव का मैनपुरी जिले की राजनीति में बड़ा महत्व है। यह सीट सपा के लिए न सिर्फ एक प्रतिष्ठा की लड़ाई है बल्कि सैफई परिवार की एकजुटता और अखिलेश यादव के नेतृत्व की भी परीक्षा है। सपा ने पूरे जोर-शोर से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और उम्मीद कर रही है कि वह इस सीट पर बड़ी जीत दर्ज कर सकेगी। वहीं, विरोधियों की चुनौतियों के बीच सपा के नेतृत्व की क्षमता और कार्यकर्ताओं का जोश इस चुनाव के परिणाम को तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। 

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