बांग्लादेश संकट से कारोबार पर आफत : फिरोजाबाद के कांच व्यापारियों को रकम फंसने का डर

फिरोजाबाद के कांच व्यापारियों को रकम फंसने का डर
UPT | बांग्लादेश संकट से कारोबार पर आफत

Aug 08, 2024 16:54

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और अशांति ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के कांच कारोबारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह शहर अपने कांच उद्योग और चूड़ी निर्माण के लिए देशभर...

Aug 08, 2024 16:54

Firozabad News : बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और अशांति ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के कांच कारोबारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह शहर अपने कांच उद्योग और चूड़ी निर्माण के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। कारोबारियों और निर्यातकों को आशंका है कि इस अशांति के कारण कांच उत्पादों और सस्ती दर वाली चूड़ियों के निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा, जो शहर की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

अशांति का सीधा असर
कांच कारोबारियों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में दो प्रमुख चिंताएं हैं। पहले से निर्यात किए गए लाखों-करोड़ों रुपये मूल्य के माल का भुगतान अनिश्चितकाल के लिए लंबित हो सकता है। इसके अलावा त्योहारी सीजन के दौरान सस्ती दर वाली चूड़ियों और घरेलू उपयोग के सामान का निर्यात बाधित हो सकता है। चूड़ी कारोबारी आनंद अग्रवाल ने बताया कि फिरोजाबाद से बड़ी मात्रा में सादा और कटिंग वाली चूड़ियां पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश जाती हैं। उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की कि बांग्लादेश की अशांति का सीधा और तत्काल प्रभाव शहर के चूड़ी कारोबार पर पड़ेगा, जो कई परिवारों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है।

ऐसा है फिरोजाबाद का कांच उद्योग
फिरोजाबाद का दूसरा नाम सुहागनगरी भी है। कांच निर्माण इस शहर में प्रमुख औद्योगिक व्यवसाय है। यहां छोटी-बड़ी लगभग 500 इकाइयां हैं। फिरोजाबाद देश के कांच उत्पादन का लगभग 70% योगदान देता है। इससे तकरीबन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कांच कारोबार की दिक्कतों को दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र उद्योग विकास संगठन की स्थापना साल 1992 में केंद्र सरकार द्वारा फिरोजाबाद में की थी। इसका फोकस रोजगार के अवसर बढ़ाना, कौशल विकास, ऊर्जा और संसाधनों का उचित उपयोग, नई पद्धतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करना है।

ये सामान जाता है बांग्लादेश
फिरोजाबाद से बांग्लादेश को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख कांच उत्पादों में विविधता है। इनमें चाय के कप, मोटे कांच के प्रेस ग्लास, छह और बारह प्याली वाले पुडिंग सेट, फूलदान, डिनर सेट शामिल हैं। इसके अलावा, सस्ती दर वाली चौपेला, हरी रेशम और सादा कटिंग वाली चूड़ियां भी बड़ी मात्रा में बांग्लादेश भेजी जाती हैं। 

कांच निर्यात में कमी की आशंका
फिरोजाबाद का कांच कारोबार काफी फैला हुआ है। यहां से तैयार माल न केवल बांग्लादेश बल्कि अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, इंग्लैंड, स्पेन, इटली, स्वीडन, कोलंबिया, फ्रांस और डेनमार्क जैसे दूरस्थ देशों में भी भेजा जाता है। शहर का सालाना निर्यात एक हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंचता है, जो इसकी अर्थव्यवस्था में कांच उद्योग के महत्व को रेखांकित करता है। बांग्लादेश की वर्तमान अशांत स्थिति से इसके कम होने की आशंका है। कांच निर्यातक सरवर हुसैन ने स्थिति की गंभीरता पर कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोप में कारोबारी गतिविधियां पहले से ही प्रभावित हैं। अब बांग्लादेश की स्थिति से एशियाई देशों में भी व्यापारिक चुनौतियां बढ़ेंगी। उन्होंने आशंका जताई कि अगर बांग्लादेश में फैली अशांति जल्द शांत नहीं हुई तो कांच कारोबार को नया आर्थिक झटका लग सकता है।

सौ एमएल तक की शीशी की डिमांड
फिरोजाबाद की कांच बोतल उद्योग ने श्रीलंका, रूस, बांग्लादेश, नेपाल, चीन के कई प्रदेशों और यूरोप के कई देशों में अपनी जगह बनाई है। विशेष रूप से सौ एमएल तक की शीशी का निर्यात इन देशों को होता है। ऐसी शीशी इत्र, नेल पॉलिश, दवा आदि में इस्तेमाल होती हैं। ताजा माहौल में कांच बोतल और शीशियों कारोबारियों को ऑर्डर रुकने की चिंता सता रही है। फिरोजाबाद के कांच कारोबारियों के अनुसार दिसंबर तक बांग्लादेश में लगभग पांच करोड़ का मॉल भेजा जाना था, लेकिन अब ये ऑर्डर कैंसिल या पोस्टपोन हुए तो नुकसान होना तय है।

हालात सुधरने तक चुनौती 
इस उद्योग से लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। कोविड-19 महामारी के बाद से ही यह क्षेत्र गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसने कई छोटे उद्योगों को बंद होने पर मजबूर कर दिया। अब बांग्लादेश की अशांत स्थिति ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। ऐसे में रोजगार की समस्या और गंभीर हो सकती है। हालांकि स्थानीय व्यापारियों और कारोबारियों में अभी भी आशा की एक किरण है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के पूरी तरह से बहाल होने और बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने के बाद व्यापार फिर से पटरी पर लौट सकेगा।

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