जिस बल्ले से हमारे दिग्गज विरोधियों को परास्त करते हैं, आज वही बल्ला तस्करी के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। सिविल पुलिस हो या फिर आरपीएफ या जीआरपी, हर फोर्स में कहीं न कहीं क्रिकेट खेल के लिए अपनी एक अलग ही जगह है। यही कारण है कि गांजा तस्करों ने क्रिकेट को तस्करी का सबसे मुफीद जरिया....
Agra News : क्रिकेट बैट में छिपा था गांजा, जीआरपी ने तस्कर को किया गिरफ्तार
Aug 24, 2024 19:16
Aug 24, 2024 19:16
मुखबिरों से मिली थी गांजा तस्करी की सूचना
सूत्रों के अनुसार, जीआरपी को मुखबिरों से गांजा तस्करी की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने प्लेटफार्म पर सघन चेकिंग शुरू की। इसी दौरान एक युवक, जिसका नाम बिजेंद्र है और जो मथुरा जिले के कोसी का निवासी है, को क्रिकेट बैट के साथ चेकिंग के लिए रोका गया। युवक ने बैट के अलावा कुछ और सामान नहीं दिखाया, लेकिन पुलिस ने बैट के साथ संदिग्धता के चलते उसे खोलने का निर्णय लिया।
क्रिकेट बैट में छिपा था गांजा
पुलिस ने जब बैट की जांच की, तो उसमें से लगभग दो किलो गांजा बरामद हुआ। इसके अलावा, आरोपी के जूते और मोजे में भी गांजा छिपा हुआ था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। इस पर जीआरपी अधिकारी बेहद चकित थे कि तस्कर क्रिकेट बैट का इस्तेमाल तस्करी के लिए कैसे कर सकते हैं। बिजेंद्र ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि खिलाड़ी होने की वजह से बैट पर किसी का शक नहीं होता था, इसलिए उसने गांजा छिपाने के लिए यह तरीका अपनाया। उसने बैट को खोखला कर उसमें गांजा भर दिया था। इंस्पेक्टर जीआरपी आगरा कैंट, विकास कुमार ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और संभवतः कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं।
जीआरपी ने तस्कर को किया गिरफ्तार
यह पहली बार नहीं है जब आगरा में गांजा तस्करी का मामला सामने आया है। रेलवे और ट्रेनों का उपयोग तस्करी के लिए किया जाता रहा है और जीआरपी ने कई बार ऐसे मामलों में कार्रवाई की है। आगरा में गांजा की तस्करी अक्सर ओडिशा और दक्षिणी राज्यों से की जाती है, जिसे मथुरा और दिल्ली-एनसीआर में वितरित किया जाता है।
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