Agra News : अस्पतालों के फायर ऑडिट में मिली बड़ी लापरवाही, बिना एनओसी चल रहे दर्जनों अस्पताल

अस्पतालों के फायर ऑडिट में मिली बड़ी लापरवाही, बिना एनओसी चल रहे दर्जनों अस्पताल
UPT | symbolic

Nov 20, 2024 11:16

शासन के दिशा निर्देशों के बाद प्रशासन द्वारा जनपद के अस्पतालों के फायर ऑडिट रिपोर्ट के लिए बनाई गई टीम ने जब जांच शुरू की ताज नगरी के स्वास्थ्य महकमे की पोल खुल गई है...

Nov 20, 2024 11:16

Agra News : आगरा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिला प्रशासन के दिशा निर्देशों के तहत शुरू किए गए फायर ऑडिट में खुलासा हुआ है कि जिले के कई अस्पताल बिना अग्निशमन विभाग की एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के संचालित हो रहे हैं। यह गंभीर लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। जिले के लगभग एक दर्जन अस्पताल ऐसे पाए गए हैं, जिनका पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिना फायर एनओसी के किया गया है। इस मामले ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

डीएम के आदेश पर शुरू हुआ फायर ऑडिट
जिला मजिस्ट्रेट अरविंद मल्लपा बंगारी के निर्देश पर मंगलवार से पूरे आगरा जिले के अस्पतालों का फायर ऑडिट शुरू किया गया। इस ऑडिट के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग की एक संयुक्त टीम का गठन किया है। टीम के नोडल अधिकारी के रूप में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियां को नियुक्त किया गया है। मंगलवार को शुरू हुए इस ऑडिट में पहले ही दिन कई अस्पतालों की लापरवाही उजागर हो गई। करीब दस अस्पतालों में न तो फायर एनओसी थी और न ही आग बुझाने के लिए कोई उचित व्यवस्था।

अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की कमी
संयुक्त टीम के निरीक्षण में सामने आया कि अधिकांश अस्पतालों में अग्निशमन उपकरण और पानी की कोई भी व्यवस्था नहीं थी। एक अस्पताल ऐसा भी पाया गया जो पुराने क्लीनिक पंजीकरण पर ही चल रहा था, जबकि उसका नवीनीकरण नहीं किया गया था। अस्पतालों के आईसीयू और एनआईसीयू में मरीजों का इलाज हो रहा था, लेकिन किसी भी अस्पताल के पास अग्निशमन विभाग की मंजूरी नहीं थी। सुरक्षा मानकों की इतनी उपेक्षा के बावजूद इन अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया जा रहा था, जो संभावित दुर्घटनाओं का बड़ा खतरा है।

आपात स्थिति में अस्पतालों से बाहर निकलने का रास्ता भी नहीं
संयुक्त टीम ने पाया कि कई अस्पतालों में आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षित बाहर निकलने का कोई स्पष्ट मार्ग भी नहीं था। संकरे जीने और लोहे की पतली सीढ़ियां आपात स्थिति में भगदड़ मचने और हादसों का कारण बन सकती हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने इन अस्पतालों को पंजीकरण दे रखा है। इस लापरवाही के कारण मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

जिला प्रशासन सख्त, मरीज भर्ती पर रोक की योजना
प्रशासन की ओर से बनाए गए संयुक्त टीम ने सख्ती से निर्णय लिया है कि जब तक इन अस्पतालों में अग्निशमन मानकों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक यहां मरीजों की भर्ती पर रोक लगाई जा सकती है। सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे अग्निशमन के मानकों का पालन सुनिश्चित करें और जरूरी उपकरण और व्यवस्थाएं लागू करें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।



कई अस्पतालों में मिलीं गंभीर कमियां
कमला नगर स्थित हृदयम हॉस्पिटल, भाटिया क्रिटिकल केयर यूनिट, सर्वोदय हॉस्पिटल, ओम अशोका हॉस्पिटल और सार्थक हॉस्पिटल जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में भी अग्निशमन के मानकों की अनदेखी पाई गई। इनमें से कई अस्पतालों में नगर विकास प्राधिकरण के मानकों का भी पालन नहीं किया गया था।

स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल
इस मामले में आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कैसे उन्होंने बिना फायर एनओसी के इन अस्पतालों को पंजीकरण दे दिया, यह अब जांच का विषय बन चुका है। संयुक्त टीम की जांच आगे भी जारी रहेगी, जिससे पूरे जनपद में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली का सच सामने आ सकता है।

Also Read

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का BJP पर हमला, प्रशासनिक पक्षपात का लगाया आरोप

20 Nov 2024 01:49 PM

मैनपुरी करहल उपचुनाव : सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का BJP पर हमला, प्रशासनिक पक्षपात का लगाया आरोप

सपा सांसद ने कहा कि मैनपुरी के लोगों के लिए यह कुछ नया नहीं है। कमरिया घोसी वाद मैनपुरी में नहीं चलेगा, यह तो सब विपक्ष का एजेंडा रहता है। और पढ़ें