कोर्ट ने साइबर थाने से आई रिपोर्ट को असंतोषजनक मानते हुए उसे और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 3 जनवरी 2025 की तारीख तय की है।
अभिनव अरोड़ा की याचिका पर कोर्ट सख्त : साइबर थाने को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश, सात यूट्यूबर्स पर आरोप
Dec 21, 2024 10:32
Dec 21, 2024 10:32
क्या है मामला?
दिल्ली के जनकपुरी स्थित चंद्रनगर निवासी अभिनव अरोड़ा ने 28 अक्तूबर को सात यूट्यूबर्स के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि इन यूट्यूबर्स ने रामभद्राचार्य महाराज द्वारा अभिनव को डांटने का वीडियो वायरल कर दिया और इसका उपयोग कर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया। अभिनव का दावा है कि यह वीडियो केवल निजी स्वार्थ के लिए वायरल किया गया। जिससे उनकी धार्मिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। कोर्ट में उनकी याचिका पर पिछली तारीख को साइबर थाने से रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुई रिपोर्ट को स्पष्ट न मानते हुए न्यायाधीश ने इसे दोबारा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
कोर्ट में उपस्थिति और बयान
सुनवाई के दौरान बाल संत अभिनव अरोड़ा अपनी मां और वकील के साथ कोर्ट पहुंचे। इस प्रकरण में उनकी मां ने भी चिंता जाहिर की, जबकि वकील ने तर्क दिया कि यह मामला केवल अभिनव के व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक प्रतिनिधि के प्रति समाज में गलत संदेश फैलाने का प्रयास है।
बाल संत ने कविता के माध्यम से जताया दर्द
सुनवाई के बाद मथुरा में मीडिया से बातचीत करते हुए अभिनव अरोड़ा ने एक कविता के माध्यम से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा-
"हम इतने भी बुरे नहीं थे, जितने इल्जाम लगाए लोगों ने।
चंद लाइक और व्यूज के लिए न जाने कितनी बात बनाई लोगों ने।
भेड़चाल में चलकर न कैसे सब बहक गए,
राधा नाम लेने को भी धंधा बताया लोगों ने।
मैं अदना सा बालक तो कान्हा जी का सेवक हूं,
मेरी तो छोडो, इनकी भक्ति का मजाक बनाया लोगों ने।"
साइबर थाने की रिपोर्ट पर सवाल
कोर्ट द्वारा मांगी गई साइबर थाने की रिपोर्ट को अस्पष्ट और अधूरी बताते हुए न्यायाधीश ने इसे दोबारा स्पष्ट रूप से दाखिल करने का निर्देश दिया। रिपोर्ट में यह विवरण होना चाहिए कि यूट्यूब पर वीडियो किस उद्देश्य से डाला गया और यह किस हद तक बाल संत की छवि और धार्मिक गतिविधियों को प्रभावित करता है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होगी। कोर्ट के निर्देश के अनुसार साइबर थाना एक विस्तृत और पारदर्शी रिपोर्ट पेश करेगा। इस रिपोर्ट पर आधारित होकर याचिका पर आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।