मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी को जीत मिल गई हैं। यहां की जनता ने तीसरी बार हेमा मालिनी पर भरोषा जताया हैं। हेमा मालिनी ने भारी मतों की बहुमत...
Mathura Lok Sabha Seat : हेमा मालिनी ने जीत की लगाई हैट्रिक, विरोध के बावजूद भी भाजपा ने पक्की की सीट
Jun 04, 2024 19:59
Jun 04, 2024 19:59
इन प्रत्याशियों से थी टक्कर
मथुरा में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार हेमा मालिनी के खिलाफ कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें कांग्रेस के मुकेश धनगर, बहुजन समाज पार्टी से सुरेश सिंह, राष्ट्रीय समता विकास पार्टी से जगदीश प्रसाद कौशिक, सुरेश चंद्र वघेल, कमलकांत शर्मा, क्षेत्रपाल सिंह, प्रवेशानंद पुरी, भानु प्रताप सिंह, मोनी फलहारी बापू, योगेश कुमार तालान, रवि वर्मा, डॉ. रश्मि यादव, राकेश कुमार और शिखा शर्मा शामिल हैं।
सफल अभिनेत्री से कैसे बनी सांसद
हेमा मालिनी एक प्रसिद्ध अभिनेत्री, लेखिका, फिल्म निर्देशक, नृत्यांगना और राजनेता, भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1968 में राज कपूर के साथ फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ से की थी। उन्हें 'ड्रीमगर्ल' के नाम से प्रसिद्धि मिली। हेमा मालिनी ने अपने अभिनय करियर के साथ-साथ राजनीतिक करियर को भी सफलतापूर्वक संभाला है। हेमा मालिनी की राजनीतिक उद्यमिता का परिणाम है उनकी भाजपा में सक्रियता। उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव में मथुरा से भाजपा की उम्मीदवार के रूप में उतरकर चुनाव जीता और इसके बाद उन्होंने 2019 में भी जीत हासिल की।
राजनीति की दुनिया में कब रखा कदम
हेमा मालिनी ने 1999 में राजनीति की दुनिया में अपना पहला कदम रखा, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार विनोद खन्ना का प्रचार किया। इसके बाद 2004 में हेमा मालिनी आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गईं। 2003 से 2009 तक, हेमा मालिनी ने भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा मनोनीत होने पर ऊपरी सदन– राज्यसभा में सांसद के रूप में कार्य किया। उनका सर्वोच्च संसद में योगदान उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को और भी मजबूती देने में मदद की। इसके साथ ही मार्च 2010 में हेमा मालिनी को भाजपा का महासचिव बनाया गया, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और सामर्थ्य को पुनः साबित करता है। इसके बाद फरवरी 2011 में पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने लोकसभा के लिए 2014 के आम चुनावों में उन्हें टिकट देने की सिफारिश की, जिससे बाद हेमा मालिनी ने मथुरा सीट से विजयी होकर 2014 और 2019 में जीत हासिल की।
2019 के चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन
हेमा मालिनी का प्रदर्शन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अच्छा रहा। वे अपनी सीट मथुरा से पुनः जीतीं और आरएलडी के कुंवर नरेंद्र सिंह का हराया। इस जीत के बाद वह फिर से सांसद बनीं। हेमा ने अपने प्रतिस्पर्धियों को बड़ी रौंद के साथ हराया और अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखा। उन्हें लगभग 6.71 लाख वोट मिले, जो काफी बड़ी संख्या है। कांग्रेस के महेश पाठक को इस सीट पर 28, 804 मत मिले थे।
2014 के चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन
2014 के लोकसभा चुनाव में हेमा मालिनी का प्रदर्शन एक बड़ी चर्चा का विषय बना था। उन्होंने मथुरा सीट से उम्मीदवार जयंत चौधरी को तेजी से पीछे छोड़ा और ऐतिहासिक रूप से चुनाव जीत लिया। हेमा मालिनी ने इस चुनाव में अपनी जीत की शुरुआत से ही अपने विरोधी प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ दिया और चुनावी प्रचार में अपनी भूमिका को मजबूत किया। उन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान मथुरा के लोगों से सीधे संपर्क किया और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया। हेमा मालिनी की चुनावी यात्रा में उनके नेतृत्व में भाजपा की टीम भी कारगर रही और उनके साथ मिलकर काम किया। उनकी रैलियों में जनसैलाब भारी संख्या में उमड़ गया और लोग उनके विचारों को गंभीरता से सुना। हेमा मालिनी के विजय के साथ, राजनीतिक दलों ने उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की और उनके लिए यह एक बड़ी सफलता के रूप में मानी गई। इसके साथ ही, लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिला और हेमा मालिनी ने एक शक्तिशाली मिसाल प्रस्तुत की। मथुरा से हेमा मालिनी की जीत ने उनके प्रदर्शन का प्रमाण दिया कि जनता किसी भी उम्मीदवार को स्वीकार करती है, जो उनकी समस्याओं को समझता है और उनके हित में काम करने का वादा करता है।
भारत सरकार ने किया हेमा मालिनी को सम्मानित
बॉलीवुड की ध्वजा और एक प्रेरणास्त्रोत, हेमा मालिनी ने अपने योगदान के लिए कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। भारत सरकार ने हेमा मालिनी को 2000 में पद्म श्री से सम्मानित किया, जो भारतीय समाज में उत्कृष्टता और योगदान को मान्यता देने वाला चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उनकी उपलब्धियों की एक मान्यता है, जो उनके व्यक्तित्व और कलाकृति में उत्कृष्टता की ओर संकेत करती है। इसके अलावा सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय ने हेमा मालिनी को वर्ष 2012 में भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान के प्रति आदर और सम्मान का एक औपचारिक साक्षात्कार देते हुए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। यह मानद उपाधि उनके कार्यकलाप की एक प्रमुख पहचान है, जिसमें उन्होंने सिनेमा की दुनिया में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया। हेमा मालिनी ने न केवल अपनी अभिनय क्षमता से बल्कि साथ ही अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक योजनाओं के माध्यम से भी समाज को समृद्धि की दिशा में प्रेरित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी योगदान को बढ़ावा दिया है, जो उनके सांस्कृतिक संदेशों और कला के प्रति उनकी संवेदनशीलता को प्रतिपादित करता है।
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