मंत्री ने दूध निकालकर गायों को खुले में छोड़ने वाले पशुपालकों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो गायों की एक यूनिट की खरीद पर 80 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।
पशु संरक्षण को लेकर सख्त हुए मंत्री : पशुपालकों पर खुले में गाय छोड़ने पर लगेगा जुर्माना, गोवंश रक्षा पर दिया निर्देश
Nov 10, 2024 20:37
Nov 10, 2024 20:37
- पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह मथुरा आए
- उन्होंने गोवंश संरक्षण कार्यक्रम में कहा कि सरकार दो गायों की एक यूनिट की खरीद पर 80 हजार रुपये तक की सब्सिडी देगी
- दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जिले के प्रमुख स्थानों पर मिल्क पार्लर खोलने के भी निर्देश दिए गए हैं
वृहद गोआश्रय स्थलों का निर्माण और सुविधाओं पर जोर
मंत्री ने दूध निकालकर गायों को खुले में छोड़ने वाले पशुपालकों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। वर्तमान में प्रदेश भर में लगभग 12 लाख गायें संरक्षित हैं। जिनकी देखभाल पर सरकार प्रतिदिन करीब 8 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
संरक्षित किए गए गोवंश
जिले में चल रहे गोवंश संरक्षण कार्यक्रम के तहत 7 वृहद गोआश्रय और 59 अस्थायी गोआश्रय स्थलों में 25,129 गोवंश को संरक्षण दिया जा रहा है। हाल ही में चलाए गए विशेष अभियान में लगभग 5,000 निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया गया है।
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सरकार ने शुरू की विशेष योजना
सरकार ने देसी नस्ल की गायों के विकास के लिए भी विशेष योजना शुरू की है। थारपारकर और गंगातीरी जैसी नस्लों का सीमन निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, स्वदेशी नस्लों जैसे साहीवाल, हरियाणा, थारपारकर और गिर की गायों की खरीद पर भी विशेष सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
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सरकार दे रही 80 हजार रुपये की सब्सिडी
सरकार ने अंतरराज्यीय स्तर पर दो गायों की एक यूनिट की खरीद पर 80 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। एक यूनिट की कुल लागत दो लाख रुपये निर्धारित की गई है। यह सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से सीधे पशुपालकों के खाते में भेजी जाएगी।
वृहद गोआश्रय स्थलों का निर्माण
मंत्री ने निर्माणाधीन वृहद केंद्रों में गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि गोआश्रयों में चारा-पानी, भूसा, शेड और चिकित्सा सुविधाएं निर्धारित मानकों के अनुसार उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही, सेवादारों को समय पर मानदेय का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
मिल्क पार्लर खोलने के निर्देश
दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जिले के प्रमुख स्थानों पर मिल्क पार्लर खोलने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिससे गोवंश संरक्षण को बल मिलेगा साथ ही पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
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