वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ श्रद्धालु मंदिर के पीछे से टपक रहे पानी को ठाकुर जी का चरणामृत समझकर पीते हुए नजर आ रहे हैं...
अंधविश्वास या अतिभक्ति? : बांके बिहारी मंदिर में भ्रम का शिकार हुए श्रद्धालु, चरणामृत समझकर पीने लगे AC का पानी
Nov 04, 2024 12:02
Nov 04, 2024 12:02
- बांके बिहारी मंदिर में अजब मामला
- श्रद्धालुओं ने AC का पानी समझा चरणामृत
- पुजारियों ने की अपील
प्लास्टिक के गिलास में पानी भरते दिखे लोग
दरअसल, बांके बिहारी मंदिर की पहली मंजिल पर बारिश के पानी के निकासी के लिए एक विशेष रास्ता बनाया गया है, जो हाथी के मुख के आकार का है। इसी रास्ते से एसी का डिस्चार्ज पानी टपकता रहता है। बताया गया है कि कुछ दिनों पहले, एक श्रद्धालु ने इसे चरणामृत समझकर हाथ में लेकर आचमन करने का प्रयास किया। इसके बाद, अन्य श्रद्धालु भी इस पानी को प्लास्टिक के गिलास में भरकर पीने लगे, जिससे वहां लंबी कतारें लग गईं। कुछ भक्त तो इस पानी को अपने घर ले जाने के लिए बर्तनों में भरने लगे।
मथुरा : वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में AC से निकल रहे पानी को चरणामृत समझकर पीते और पानी को गिलासों में भरते श्रद्धालुओं का एक वीडियो वायरल।#Mathura #BankeBihariMandir #viralvideo pic.twitter.com/IA904clVmq
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) November 4, 2024
पुजारियों ने की अपील
वीडियो वायरल होने के बाद, मंदिर के पुजारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ऐसा न करें। सोशल मीडिया पर इसे श्रद्धालुओं की अंधभक्ति के रूप में देखा जा रहा है। मथुरा और वृंदावन में हर दिन 10 से 15 हजार पर्यटक आते हैं, जिससे मंदिरों में दिनभर भीड़ लगी रहती है। खास पर्वों पर यह संख्या इतनी बढ़ जाती है कि स्थानीय निवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
तेजी से वायरल हो रहा वीडियो
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, खासकर एक्स पर इसे अब तक, 2.8 मिलियन बार देखा गया है। कमेंट सेक्शन में कई उपयोगकर्ताओं ने भक्तों की सोच पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी कैसे मिथकों और अंधविश्वास को जन्म देती है। एक यूजर ने चेतावनी दी है कि बिना वैज्ञानिक सोच के, लोगों का दिमाग नफरत और विभाजन की ओर बढ़ सकता है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
पहले भी हुई ऐसी घटना
इस वायरल वीडियो ने कुछ यूजर्स को 2012 में मुंबई में हुई रोती हुई क्रूस की घटना की याद दिला दी, जब भक्तों ने चमत्कार समझकर एक मूर्ति के पैरों से बहते पानी को देखा था, लेकिन बाद में यह पता चला कि वह एक खराब सीवेज सिस्टम का परिणाम था। इस संदर्भ में, द लिवर डॉक ने भी चेतावनी दी है कि एयर कंडीशनिंग सिस्टम से निकलने वाला पानी कई संक्रमणों का स्रोत बन सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
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