सुरभि होली की जानकारी देते हुए ब्रजचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट ने बताया कि लठमार होली से पहले नारायण भट्ट ने सुरभि होली की शुरुआत कराई थी। जब गोपियों के बार-बार मना करने के बावजूद कृष्ण...
ललिता के गांव में हुई सुरभि होली : बरसाना में झूमे श्रद्धालु, नारायण भट्ट की समाधी स्थल पर आयोजन
Mar 23, 2024 13:56
Mar 23, 2024 13:56
- नारायण भट्ट की समाधी स्थल पर सुरभि होली का आयोजन
- राधाकृष्ण के प्रेम का प्रतीक है होली
- लठमार होली से पहले शुरु हुई थी सुरभि होली
गुलाल अर्पित कर शुरू की होली
बरसाना के समीपवर्ती गांव ऊंचागांव में स्थित नारायण भट्ट की समाधी स्थल पर सुरभि होली का आयोजन किया गया। इस दौरान नारायण भट्ट के वशंजों द्वारा उनके समाधी स्थल पर गुलाल अर्पित कर होली प्रारम्भ की गयी। वहीं ‘ऐसी होरी तोए खिला दूं, दूध छठी को याद दिला दूं’। आदि रसियाओं की थाप पर गुर्जर समाज के महिला और पुरुष लोकनृत्य कर रहे थे। इस दौरान उड़ाए जा रहे अबीर गुलाल में सराबोर होकर श्रद्धालु अपने आपको धन्य मान रहे थे।
सुरभि होली की दी जानकारीमथुरा: ललिता के गांव में हुई सुरभि होली। लट्ठमार होली से पहले शुरू हुई थी सुरभि होली। बरसाना के समीपवर्ती गांव ऊंचागांव में स्थित श्रील नारायण भट्ट की समाधी स्थल पर सुरभि होली का आयोजन किया गया।#Mathura #UttarPradesh #UttarPradeshTimes #Holi2024 #Holi #HoliFestival… pic.twitter.com/qwFDMNm6m4
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) March 23, 2024
सुरभि होली की जानकारी देते हुए ब्रजचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट ने बताया कि लठमार होली से पहले नारायण भट्ट ने सुरभि होली की शुरुआत कराई थी। जब गोपियों के बार-बार मना करने के बावजूद कृष्ण और उनके सखाओं ने उन पर रंग डाल दिया तो बदला लेने के लिए सखियां राधारानी के पास गई। गोपियों ने उनसे डंडा लेकर होली खेलने को कहा। उसी भाव को रखते हुए नारायण भट्ट ने बरसाना में लठमार होली शुरु कराई थी। बरसाना की होली से पहले कान्हा ने ललिता सहित अष्टसखियों के साथ ऊंचागांव में होली खेली थी। जिसका उल्लेख नारायण भट्ट की रंग नाटक पुस्तिका में मिलता है। होली राधाकृष्ण के प्रेम का प्रतीक है।
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