आज नारी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में आज नारी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही...
Agra News : NCC के 75 वर्ष पूरा होने पर नारी शक्ति वंदन की शुरुआत, झांसी से नई दिल्ली तक दौड़ेंगी शशि मेहता
Jan 20, 2024 13:36
Jan 20, 2024 13:36
80 से 82 किलोमीटर प्रतिदिन दौड़ेंगी
उत्तराखंड एनसीसी निदेशालय की मेजर शशि मेहता ने महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को लेकर झांसी से नई दिल्ली तक नारी शक्ति वंदन रन के माध्यम से इस सफर की शुरुआत 17 जनवरी से की। जिसमें मेजर शशि मेहता 80 से 82 किलोमीटर प्रतिदिन दौड़ रही हैं। मेजर शशि मेहता का कहना है कि देश एवं समाज के विकास के लिए नारी शक्ति अहम भूमिका निभा रही है। इसी कड़ी में नारियों को बढ़ावा एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मैंने झांसी से नई दिल्ली तक के लिए नारी शक्ति वंदन रन की शुरुआत की है। शनिवार को मैं आगरा पहुंची हूं। इस दौरान में प्रतिदिन लगभग 80 किलोमीटर दौड़ रही हूं।
महिला सशक्तिकरण की पहचान है झाँसी
मेजर शशि मेहता का कहना है कि मैं अल्ट्रा मैराथन रनर हूं। रनिंग मेरा शौक भी है और जुनून भी। मैं तमाम राष्ट्रीय स्तरीय स्पर्धा में प्रतिभा ही नहीं किया बल्कि पदक भी अर्जित किए हैं। इसके साथ ही मैं तीन बार देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हूँ। मेजर शशि मेहता ने कहा कि झांसी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में महिला सशक्तिकरण के लिए पहचानी जाती है। रानी लक्ष्मी बाई की भूमि से इस सफर को शुरू करना एक गौरव का विषय है, इससे बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन मैराथन मैं मेरे साथ तमाम एनसीसी कैडेट्स भी प्रतिभाग कर रही हैं। यही नहीं मैं जहां-जहां से गुजर रही हूं वहां के लोगों द्वारा मेरा हौसला बढ़ाया जा रहा है। आज मुझे अपनी ताकत का अहसास हो रहा है कि मैं एक महिला हूँ। आज मेरी उम्र 43 साल है। इस उम्र की पड़ाव पर इतनी दूरी तय करना मुश्किल था, मुझे अंदर से लग रहा था कि मैं क्या इतनी दूरी तय कर पाऊंगी। लेकिन आज मैं उत्साहित हूँ। अगर इस उम्र के पड़ाव मैं यह कार्य कर सकती हूं तो हर भारतीय महिला भी यह काम कर सकती है।
वहीं इस संबंध में उत्तराखंड एनसीसी निदेशालय के कर्नल राजेश रावत का कहना है कि हम लोगों ने नारी का सबलपन स्वीकार नहीं किया क्योंकि पुरुषों ने हमेशा नारी की सुरक्षा एवं सम्मान की जिम्मेदारी स्वयं ली है। यही कारण है कि पुरुष ने नारी के सबलपन को नहीं पहचाना। आज नारी पुरुष की पूरक है। अर्धनारिश्वर ने भी यही साबित किया है कि पुरुष और नारी एक दूसरे के पूरक हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शशि मेहता झांसी से नई दिल्ली तक 470 किलोमीटर की दौड़ को पूरा कर रही हैं।
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