Agra News : सड़क हादसों को थामने की नई कवायद, नए सिरे से चिह्नित किए जाएंगे ब्लैक स्पॉट... 

सड़क हादसों को थामने की नई कवायद, नए सिरे से चिह्नित किए जाएंगे ब्लैक स्पॉट... 
UPT | सड़क हादसों को थामने की नई कवायद।

Jan 07, 2025 15:10

आगरा में शहर से लेकर देहात तक दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। हर दूसरे और तीसरे दिन राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे या देहात में जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़कों पर भीषण दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लोग जान गंवा देते हैं। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस...

Jan 07, 2025 15:10

Agra News : आगरा में शहर से लेकर देहात तक दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। हर दूसरे और तीसरे दिन राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे या देहात में जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़कों पर भीषण दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लोग जान गंवा देते हैं। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस इन हादसों को रोकने में अभी तक नाकाम ही रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग ऋणकता से लेकर भगवान टॉकीज के मध्य तो ऐसे भीषण हादसे होते हैं कि एक साथ 5/6 लोगों की जान चली जाती है। इन हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट बनाए गए थे, लेकिन इनका प्रभाव नहीं दिखाई दिया और हादसे होते रहे। अब एक बार फिर इन ब्लैक स्पॉट पर जिला सड़क सुरक्षा समिति और जिला विद्यालय यान परिवहन सुरक्षा समिति ने चिंता व्यक्त की और इन पर एक बार फिर नए सिरे से काम करने पर जोर दिया। आंकड़ों पर नज़र डालें तो इन ब्लैक स्पॉट पर हर हफ्ते करीब 12 से 15 दुर्घटनाएं होती हैं। 

पीडब्ल्यूडी ने की 65 ब्लैक स्पॉट की पहचान 
सड़क दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए आगरा ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ संयुक्त रूप से काम करने जा रहा है। मकसद सिर्फ एक है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को किसी भी तरीके से रोका जाए। अब सभी ब्लैक स्पॉट का नए सिरे से सर्वे किया जाएगा। भीषण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रोड सेफ्टी प्लान तैयार कराया जाएगा। इन ब्लैक स्पॉट को लेकर लोक निर्माण विभाग ने कवायद की है। पीडब्ल्यूडी ने 65 ब्लैक स्पॉट की पहचान की है। रोड सेफ्टी ऑडिट का कार्य पूर्ण हो गया है। इसके साथ ही एस्टीमेट बजट शासन को भेज दिया गया है।

देहात में होते हैं अधिक हादसे
सहायक पुलिस आयुक्त ट्रैफिक सैयद अरीब अहमद ने बताया कि आगरा से राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, यमुना और लखनऊ एक्सप्रेसवे, जयपुर और ग्वालियर हाइवे निकलता है। इनके अलावा दिल्ली-आगरा-फिरोजाबाद 6 लेन का हाइवे भी मौजूद है। आगरा पुलिस कमिश्नरी में नेशनल हाइवे फरह से एत्मादपुर में टूंडला की सीमा तक है। यह तकरीबन 45 किलोमीटर तक है। यह शहर के बीचो बीच से निकलता है। इस कारण हाइवे पर हल्के वाहन भी चलते हैं। बड़े वाहनों के आवागमन की वजह से हादसों की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि शहर में 30 प्रतिशत हादसे होते हैं, जबकि देहात में 70 प्रतिशत दुर्घटनाएं होती हैं।

हाइवे पर रोड इंजीनियरिंग में कमी
एसीपी अरीब अहमद के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति निर्धारित है, बावजूद इसके एक्सप्रेसवे पर चालक ओवर स्पीड से वाहन चलाते हैं। एक्सप्रेसवे पर 100 से अधिक की गति पर चालान काटे जाते हैं। इसके लिए कैमरे लगे हुए हैं। ओवर स्पीडिंग की वजह से हादसे हो जाते हैं। हाइवे पर ओवरलोडेड वाहन चलते हैं। शहर के बीच से निकलने की वजह से यातायात का दबाव अधिक रहता है। कई बार अवैध कट, अवैध बस स्टैंड और लोगों द्वारा गलत तरीके से सड़क पार करने से भी हादसे होते हैं।

साल 2024 में हादसों में कमी
आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो पिछले 5 वर्षों में 2024 में हादसों की संख्या में कमी देखने को मिली है। यही नहीं, दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का आंकड़ा भी कम हुआ है। लेकिन, आगरा में भीषण हादसों को रोकने के लिए एक अहम ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके लिए आगरा पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के साथ-साथ प्रशासन को मिलकर संयुक्त रूप से एक रोड मैप बनाना चाहिए, जिससे आगरा में होने वाले हादसों को रोका जा सके।
 
वर्ष 2020 2021 2022 2023 2024
सड़क दुर्घटना :         917 907   1087 1007 765
मृतक :            529 557 579 524 376
घायल :              656 580 788 665   626
 
 

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