राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित वाइल्ड लाइफ और एसओएस बेजुबानों के लिए किसी ईश्वर से कम नहीं है। वाइल्ड लाइफ, एसओएस लगातार बेजुबानों को संरक्षण एवं उनकी सुरक्षा पर काम कर रही है।
आगरा से गुड न्यूज : सूजी की आजादी के 9 वर्ष पूरे, पढ़िये एक बेजुबान की दर्दभरी दास्तान...
Feb 21, 2024 16:31
Feb 21, 2024 16:31
अब से 9 वर्ष पहले कराया था आजाद
आंध्र प्रदेश में सर्कस की कठोर वास्तविकताओं से बचाई गई सूज़ी की कहानी करुणा से भरी हुई है। जीवन के महत्वपूर्ण 60 वर्ष पूर्ण रूप से नेत्रहीन हथिनी ने कैद में गुज़ारे। अकथनीय क्रूरता का सामना किया और लोगों के मनोरंजन के लिए असहनीय पीड़ा सही। लेकिन नौ साल पहले, सूज़ी का जीवन हमेशा के लिए बदल गया। जब वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम उसकी सहायता के लिए आगे आई और उसे उसके अतीत से मुक्त कराया। साल-2015 में वाइल्ड लाइफ एसओएस के पुनर्वासन केंद्र में पहुंचने के बाद सूजी में उल्लेखनीय शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन आया है। वृद्धावस्था देखभाल और समर्पित कर्मचारियों के साथ वह सब तरह की बाधाओं को पार करते हुए हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में मौजूद सभी हाथियों में सबसे उम्रदराज़ हथिनी है।
दोनों आंखों से अंधी है सूजी
अपनी बढती उम्र के कारण सूज़ी विशेष देखभाल में है। उसको नियमित रूप से पेडीक्योर और विटामिन की खुराक दी जाती है। वह दोनों आंखों से अंधी है। उसकी देखभाल करने वाले लोग समर्पित रूप से उसके आराम और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया कि हाल ही में हमारे शीतकालीन देखभाल प्रबंधन के रूप में सूज़ी के उपयुक्त रक्त संचारण में सहायता के लिए उसे गर्म हर्बल तेलों से मालिश भी मिल रही है। उसी के साथ-साथ आवश्यक पोषक तत्वों और पूरक आहार से युक्त एक अनुकूलित आहार भी दिया जा रहा है।
60 साल की कैद के दर्द को समझना मुश्किल
वाइल्ड लाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्य नारायण ने कहा कि सूज़ी ने अपनी आजादी के 9वें वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह वाइल्ड लाइफ एसओएस के लिए एक महत्वपूर्ण बात है। 60 साल की कैद के दौरान सूजी के दर्द को समझना मुश्किल है। हमने उसे उसे पीड़ा से बचाने के लिए कड़ी मेहनत की है। सूजी आज स्वतंत्रत है और अब वह प्यार और देखभाल से भरा जीवन जी रही है। वाइल्ड लाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा कि सूजी का जीवन अब करुणा और देखभाल से भरा है। हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हमारी टीम यह सुनिश्चित करती है कि सूजी की अच्छी तरह से देखभाल की जाए। सूजी को स्वस्थ आहार मिलता है। ताज़ी सब्जियां और विशेष रूप से अपने हरे चारे को खाने से पहले अपने पैरों पर मार कर उसे साफ़ भी करती है।
सूजी स्मूदी
वाइल्ड लाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एमवी ने कहा कि सूज़ी पूर्ण रूप से नेत्रहीन है। उसकी दाढ़ भी नहीं है। यही कारण है कि उसके लिए एक विशेष आहार का इंतजाम किया जाता है। फलों को आसानी से खाने के लिए उसके फलों को गोद कर स्मूदी बनाई जाती है, जिसे हम सूज़ी स्मूदी भी कहते हैं।
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