आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित जेपी वेडिंग स्क्वायर में बीएन परिवार और राम सेवा मिशन द्वारा आयोजित "अपने-अपने राम" कार्यक्रम के दूसरे दिन डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी अनोखी शैली से हजारों लोगों को भाव विभोर कर दिया...
कुमार विश्वास के कार्यक्रम में उमड़ा आस्था का सैलाब : बेटियों की सुरक्षा के लिए पिताओं को दोस्त बनने की दी सलाह
Jan 19, 2025 22:35
Jan 19, 2025 22:35
राम-केवट मैत्री का उदाहरण देकर मित्रता के महत्व को समझाया
डॉ. कुमार विश्वास ने राम-केवट मैत्री का उदाहरण देकर मित्रता के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोग आर्थिक स्थिति के आधार पर मित्रता को तोड़ देते हैं, जबकि मित्रता सच्ची भावना पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की मित्रता का उल्लेख करते हुए कहा कि मित्रों का साथ जीवन को संपूर्ण बनाता है। उन्होंने श्रम के महत्व को भी उजागर किया और सीता के जन्म के प्रसंग का उल्लेख किया, जिसमें राजा ने जनता की सहायता के लिए स्वयं हल चलाया। उन्होंने इस घटना को उदाहरण बनाकर श्रम को जीवन का आवश्यक हिस्सा बताया। उन्होंने "सत्यमेव जयते" के साथ "श्रम एव जयते" का नारा बुलंद करने की अपील की।
युवा पीढ़ी को राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी
युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और एंग्जायटी पर बात करते हुए डॉ. विश्वास ने कहा कि आज की पीढ़ी जल्दबाजी और प्रतिस्पर्धा के कारण तनावग्रस्त है। उन्होंने युवाओं को आत्महत्या जैसे कदमों से दूर रहने और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि रामायण के प्रसंगों से प्रेरणा लेने वाले युवा जीवन में धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखते हैं। डॉ. विश्वास ने कहा कि "अपने-अपने राम" के माध्यम से वह ऐसा विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं, जहां से विद्यार्थी तन, मन और आत्मा से पूर्णत: ऑर्गेनिक बनकर निकलें। उन्होंने युवा पीढ़ी को राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।
बेटियों और पिताओं के रिश्तों पर विशेष जोर
कार्यक्रम के दौरान बेटियों और पिताओं के रिश्तों पर विशेष जोर दिया गया। डॉ. विश्वास ने कहा कि जिन बच्चियों को अपने पिता से सब कुछ कहने की आजादी होती है, उनका जीवन सुरक्षित रहता है। उन्होंने पिताओं से अपनी बेटियों के मित्र बनने का आह्वान किया, ताकि बेटियां किसी अनुचित व्यक्ति के प्रभाव में न आएं। उन्होंने गौतम ऋषि और अहिल्या के प्रसंग में एआई तकनीक का उल्लेख करते हुए कहा कि तकनीक का प्रयोग मानवता के कल्याण के लिए होना चाहिए, न कि स्वार्थी उद्देश्यों के लिए। उन्होंने राम को माया पति और रावण को मायावी बताते हुए तकनीक का सही उपयोग करने पर जोर दिया।
ये सभी रहे मौजूद
कार्यक्रम में बीएन परिवार के मुखिया अजय अग्रवाल और श्री राम सेवा मिशन के सदस्यों समेत कई व्यक्ति मौजूद रहे। आरंभिक सत्र का संचालन कवयित्री डॉक्टर कविता तिवारी ने किया। कार्यक्रम ने आस्था और संस्कृति के अद्भुत समन्वय का उदाहरण प्रस्तुत किया।
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