प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे निर्णयों के लिए जाने जाते हैं, जिसका कोई तोड़ नहीं है। एक बार फिर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वह लीक से हटकर चलने वालों में से हैं।
चौधरी साहब का आगरा से गहरा नाता : जब पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह ने एक किसान के लिए डीएम से कुर्सी छोड़ने को कहा...
Feb 09, 2024 20:29
Feb 09, 2024 20:29
चौधरी चरण सिंह की प्रतीमा को दूध से किया अभिषेक
पीएम नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा की पदाधिकारी प्रतापपुरा स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पहुंच गए, यहां पर उन्होंने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया, श्रद्धांजलि दी और फिर उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया।
किसानों के अधिकारों के लिए पूरा जीवन किया समर्पित
भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
पहले ही मिलना चाहिए था भारत रत्न
भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि चौधरी चरण सिंह को तो बहुत पहले ही भारत रत्न मिल जाना चाहिए था। लेकिन देश में केंद्र में रही पूर्व की सरकारों ने केवल अपने परिवार और पार्टी को बढ़ाने का काम किया था। परिवारवाद वालों ने देश की सच्ची सेवा करने वाले लोगों को साइड कर दिया, लेकिन अब पीएम नरेंद्र मोदी हर उस व्यक्तित्व का सम्मान कर रहे हैं जिसने देश के लिए सर्वोच्च कार्य किया और देश सेवा की। उन्हें में एक चौधरी चरण सिंह भी थे जिन्होंने निस्वार्थ किसानों व देश सेवा की।
आगरा से रहा है चौधरी चरण सिंह का गहरा नाता
बताते चलें कि किसानों के मसीहा के नाम अपनी पहचान बनाने वाले चौधरी चरण सिंह ने किसानों के उत्थान और देश के विकास में गति देने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए जिससे उनकी पहचान एक किसान मसीहा के रूप में बनी। चौधरी चरण सिंह का नाता आगरा से भी रहा है। चरण सिंह आगरा कॉलेज आगरा से जहां एलएलबी प्रथम वर्ष किया, वहीं प्रस्तावनक की डिग्री भी आगरा विश्वविद्यालय से प्राप्त की। चौधरी चरण सिंह की पेट आगरा के देहात में बेहद मजबूत मानी जाती थी। आज भी देहात में उनके नाम का जादू देखा जा सकता है। चौधरी चरण सिंह की ही ताकत थी कि उनके सहयोगी विजय सिंह राणा दयालबाग विधानसभा से चार-चार बार विधायक चुने गए। आज उस विधानसभा को ग्रामीण विधानसभा के नाम से जाना जाता है। यही नहीं मिनी छपरौली के नाम से मशहूर किरावली, फतेहपुर सीकरी और चाहर वाटी में आरएलडी की जड़े आज भी गहरी हैं।
सभी को देते थे पूरा सम्मान
चौधरी चरण सिंह ने आगरा कॉलेज आगरा से एलएलबी किया था। वे आगरा कॉलेज के सप्रू हॉस्टल के रूम नंबर 27 में रहते थे। चौधरी चरण सिंह का रसोईया वाल्मीकि समाज से था। उनके साथ शिक्षारत विद्यार्थियों ने इस बात का कड़ा विरोध किया, लेकिन चौधरी चरण सिंह उस रसोइये के समर्थन में रहे, उन्होंने कहा कोई उंचा नीचा नहीं होता। चौधरी चरण सिंह की इस सोच ने सबका दिल जीत लिया।
जब जिलाधिकारी को कहा था कुर्सी छोड़ने के लिए
चौधरी चरण सिंह का एक किस्सा बहुत मशहूर है। इस घटना के बाद आगरा के किसानों का उन्होंने दिल जीत लिया। पूर्व पीएम चौ.चरण सिंह आगरा के फतेहपुर सीकरी विधानसभा और किरावली ब्लॉक के गांव सरसा में मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार आये थे। गांव में आने का उद्देश्य महज औचक निरीक्षण करना था। चौधरी चरण सिंह के साथ जिलाधिकारी भी थे। जब गांव में चौधरी चरण सिंह और जिलाधिकारी एक स्थान पर कुर्सी पर बैठे, तो वहां कुछ बुजुर्ग किसान उन्हें खड़े हुये दिखाई दिए। इस पर चौधरी चरण सिंह ने जिलाधिकारी को किसान के लिए कुर्सी छोडने को कहा। उन्होंने कहा कि इन किसानों को कुर्सी दो, क्योंकि अधिकारी जनता का सेवक होता है, मालिक नहीं। उनका यही गुण उन्हें साधारण किसान से प्रधानमंत्री की कुर्सी तक लेकर गया।
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