पहले कांग्रेस, फिर भाजपा-रालोद का गढ़ रही खैर : समाजवादी पार्टी का आज तक नहीं खुला खाता, वापसी के लिए संघर्ष कर रही बसपा

समाजवादी पार्टी का आज तक नहीं खुला खाता, वापसी के लिए संघर्ष कर रही बसपा
UPT | पहले कांग्रेस, फिर भाजपा-रालोद का गढ़ रही खैर

Oct 27, 2024 18:40

खैर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को खाता खोलने का एक औऱ चांस मिला है। 31 वर्षों से इस सीट पर 'साइकिल' की सवारी नहीं हो पाई है, हालांकि पार्टी हर चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारती रही है। इस बार उपचुनाव में सपा ने कांग्रेस का साथ लेकर अपनी ताकत बढ़ा ली है

Oct 27, 2024 18:40

Short Highlights
  • भाजपा-रालोद का गढ़ रही खैर
  • सपा का आज तक नहीं खुला खाता
  • वापसी के लिए संघर्ष कर रही बसपा
Aligarh News : खैर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को खाता खोलने का एक औऱ चांस मिला है। 31 वर्षों से इस सीट पर 'साइकिल' की सवारी नहीं हो पाई है, हालांकि पार्टी हर चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारती रही है। इस बार उपचुनाव में सपा ने कांग्रेस का साथ लेकर अपनी ताकत बढ़ा ली है। जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर का दावा है कि पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ रही है। वहीं बसपा भी 2002 के बाद से जीत की प्रतीक्षा कर रही है, जब प्रमोद गौड़ ने पार्टी को एकमात्र जीत दिलाई थी। बसपा जिलाध्यक्ष मोरध्वज कुशवाहा ने 2022 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने का हवाला देते हुए इस बार जीत का दावा किया है।

चरण सिंह की बेटी रहीं है विधायक
खैर विधानसभा क्षेत्र का इतिहास काफी रोचक रहा है। 1952 में यह टप्पल, चंडौस और जवां के साथ एक संयुक्त विधानसभा क्षेत्र था। 1957 में इसे टप्पल क्षेत्र बनाया गया और अंततः 1967 में खैर विधानसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आया। इस क्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की बेटी ज्ञानवती सिंह भी भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं। कांग्रेस, जनता दल, भाजपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशियों ने यहां जीत दर्ज की है।



आखिरी बार भाजपा जीती थी चुनाव
क्षेत्र के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो यहां से चौधरी महेंद्र सिंह ने तीन बार विधायक बनने का गौरव हासिल किया - 1962 में निर्दलीय, 1969 में भारतीय क्रांति दल से और 1991 में भाजपा से। चौधरी प्यारेलाल भी तीन बार विधायक बने - 1967 में कांग्रेस से, 1974 में कांग्रेस से और 1977 में जनता पार्टी से। चौधरी जगवीर सिंह ने भी लगातार तीन बार - 1985 में लोकदल से, 1989 में जनता दल से और 1993 में जनता दल से विधायकी हासिल की। वर्तमान में यह सीट भाजपा के अनूप प्रधान के पास है, जो 2022 के चुनाव में विजयी हुए थे।

तीनों पार्टियों ने उतारे हैं प्रत्याशी
खैर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने सुरेंद्र दिलेर को प्रत्याशी बनाया है, जो गांव दौरउ-चांदपुर के निवासी हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की है और अपने आय के स्रोत के रूप में कृषि तथा पेट्रोल पंप का उल्लेख किया है। उनके पास कुल 2 करोड़ 94 लाख की चल संपत्ति है। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चारु कैन, जो इंटरमीडिएट पास हैं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की बहु हैं और सुखरावली गांव से आती हैं। उनके पास 42 लाख की चल-अचल संपत्ति है। बहुजन समाज पार्टी से डॉ. पहल सिंह, जो बीएससी, बीएएमएस, और एलएलबी पास हैं, सेवानिवृत्त चिकित्सक हैं और उनकी पत्नी अध्यापक हैं। डॉ. पहल सिंह के पास 8 लाख 60 हजार की चल संपत्ति है।

यह भी पढें- UP News : शहरी निकायों में संविदा कर्मियों के स्थायीकरण का रास्ता साफ, इन्हें उठाना होगा खर्च

यह भी पढें- Lucknow News : पांचवीं तक के बच्चों को स्कूल के अंदर छोड़ेंगे चालक, हादसे रोकने-भीड़ पर अंकुश लगाने को फैसला

Also Read

186770 मतदाताओं ने किया मतदान, 31 राउंड तक चलेगी मतगणना, मुकाबला बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच

22 Nov 2024 11:47 PM

अलीगढ़ खैर विधानसभा उपचुनाव मतगणना : 186770 मतदाताओं ने किया मतदान, 31 राउंड तक चलेगी मतगणना, मुकाबला बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच

खैर विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान के बाद शनिवार को मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। धनीपुर मंडी में सुबह 8:00 बजे से मतगणना शुरू होगी। और पढ़ें