एटा जिले के जलेसर ब्लॉक स्थित ग्राम जमालपुर दुर्जन में स्थित गौशाला की स्थिति प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। यहां बजरंग दल और गौ रक्षा दल के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए निरीक्षण में गौवंशों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव पाया गया। गौशाला में चारे, पानी, और बैठने के उचित स्थान की कमी है, जबकि ग्राम प्रधान ने गौवंशों के अंतिम संस्कार के लिए गड्ढे खुदवाए थे, जिससे साफ होता है कि गौवंशों की देखभाल की बजाय उनकी जान लेने की तैयारी की जा रही थी।
एटा जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही : जिंदा रहते ही कर दी गायों और गौवंशों के अंतिम संस्कार की तैयारी
Dec 16, 2024 09:36
Dec 16, 2024 09:36
- जलेसर ब्लॉक में गायों के लिए न चारा, न ठंड से बचने की व्यवस्था, प्रशासन पर सवाल
- गायों के लिए खुदवाए गए गड्ढे, निरीक्षण में दिखी प्रशासन की गंभीर लापरवाही
गौवंशों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं
ग्राम जमालपुर दुर्जन स्थित गौशाला की हालत देखने के बाद बजरंग दल और गौ रक्षा दल के कार्यकर्ताओं में गुस्सा भड़क गया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार द्वारा गौवंशों की देखभाल के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन इन पैसों का उपयोग सही तरीके से नहीं हो रहा है। इस गौशाला में न तो गायों के लिए चारे की उचित व्यवस्था थी और न ही उनके बैठने के लिए कोई सुरक्षित स्थान उपलब्ध था। यहां तक कि गौशाला की सफाई भी बहुत ही खराब थी, जिससे ठंड के मौसम में गौवंशों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
ग्राम प्रधान पर गंभीर आरोप
गौशाला की स्थिति को लेकर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार ग्राम प्रधान ने गौवंशों के लिए पहले से 15-20 गड्ढे खुदवाए थे। इन गड्ढों का उद्देश्य गौवंशों का अंतिम संस्कार था, जो यह दर्शाता है कि गौवंशों की देखभाल करने की बजाय उनके मृत्यु का पूर्वाभास किया जा रहा था। यह स्थिति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन और ग्राम प्रधान ने गौवंशों की सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लिया।
बजरंग दल और गौ रक्षा दल ने जताया आक्रोश
बजरंग दल के जिला संयोजक आकाश गुप्ता ने इस मामले पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान उन्हें गौशाला में कोई सकारात्मक व्यवस्था देखने को नहीं मिली। आकाश गुप्ता ने बताया कि गायों के लिए न तो सर्दी से बचने के लिए कमरे थे, न ही उनके लिए उचित चारा और पानी की व्यवस्था थी। इसके अलावा, ग्राम प्रधान द्वारा गड्ढे खुदवाने की कार्रवाई को लेकर आकाश गुप्ता ने आरोप लगाया कि यह साबित करता है कि गौवंशों के लिए कोई देखभाल की योजना नहीं थी, बल्कि उन्हें मारने की तैयारी की जा रही थी।
सरकारी बजट और असली स्थिति
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गौवंशों की सुरक्षा और देखभाल के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। इस भारी बजट के बावजूद, जलेसर ब्लॉक की इस गौशाला में गौवंशों के लिए बुनियादी सुविधाओं का आभाव है। चारा, पानी, शरण स्थल और सफाई की व्यवस्था न होने के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है। शासन और प्रशासन के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि गौवंशों की उचित देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
गौवंशों की देखभाल और सुरक्षा पर सवाल उठाए गए
गौवंशों की सुरक्षा और देखभाल के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे बजट का असल उपयोग न होने के कारण यह सवाल उठता है कि क्या सरकार की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं? क्या अधिकारियों और ग्राम प्रधान ने इस मुद्दे को हल करने के लिए उचित कदम उठाए हैं? या फिर यह सिर्फ एक और प्रशासनिक असफलता है जिसे नजरअंदाज किया जा रहा है?
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