हाथरस पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने एक फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों को ज्वाइनिंग लेटर और आईडी कार्ड के जरिए ठगने का जाल बिछाया था,
हाथरस में फर्जी फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़ : पुलिस ने दो शातिर दबोचे, नौकरी पर रखकर लोन दिलाने के नाम पर कराते थे ठगी
Nov 25, 2024 10:21
Nov 25, 2024 10:21
ये था मामला
कोतवाली हाथरस गेट के गांव नगला भूरा निवासी अमित कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने नौकरी के लिए APNA ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके बाद उसे आराध्या फाइनेंस कंपनी से कॉल आया और नौकरी का ऑफर दिया गया। कंपनी ने उसे ज्वाइनिंग लेटर और आईडी कार्ड भी भेजा।
फाइल चार्ज भी लिया गया
कंपनी ने अमित को लोन दिलाने का काम सौंपा। अमित ने अपने गांव के कई लोगों से लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज के लिए रुपये जमा करवाए। लेकिन न किसी को लोन मिला और न ही जमा किए रुपये वापस हुए। लेकिन कुछ दिन बाद अमित को अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है तो उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई।
फर्जी आईडी कार्ड और ज्वाइनिंगलेटर दिया
घटना का खुलासा करते हुए एएसपी अशोक कुमार ने बताया कि यह गिरोह फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों को फर्जी आईडी कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर देता था। नौकरी पाने वाले व्यक्ति को अन्य लोगों से संपर्क कर लोन स्वीकृत कराने का लालच दिया जाता था। लोन प्रोसेसिंग और फाइल चार्ज के नाम पर फर्जी खातों में पैसे जमा कराए जाते थे। गिरोह फर्जी आधार कार्ड के जरिए सिम कार्ड निकालकर इनका इस्तेमाल करता था। आरोपी नरेंद्र कुमार, निवासी सिंधावली, मेरठ और रामकुमार, निवासी बलरई सालादी नगला, इटावा वर्तमान में करावल नगर, दिल्ली हैं।
मेरठ निवासी नदीम चला रहा था कॉल सेंटर
इस गिरोह का कॉल सेंटर मेरठ निवासी नदीम नाम का शख्स चला रहा था। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और सरगना की तलाश कर रही है। गिरोह का सरगना कॉल सेंटर से लोगों को कॉल करता था। उन्हें फर्जी दस्तावेज देकर लोन दिलाने के नाम पर नौकरी पर रखता था। फिर उनके जरिए दूसरे लोगों को फंसाकर ऑनलाइन पैसे ऐंठता था।