हाथरस जिले में सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगो की मौत का मामला संसद में गूंजा।समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा।
संसद में गूंजा सत्संग कांड : रामजीलाल सुमन ने की चिंता, पीड़ित परिवारों को उचित सहायता और जांच की मांग
Aug 07, 2024 00:16
Aug 07, 2024 00:16
पीड़ितों को नहीं मिली वित्तीय सहायता
सुमन ने बताया कि सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में कई लोगों के शवों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ और कुछ के परिजनों ने जानबूझकर शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराया। राज्य सरकार ने दो लाख रुपये की आंशिक सहायता देने का दावा किया है, जो सुमन के अनुसार पीड़ित परिवारों के लिए नाकाफी है। प्रधानमंत्री ने भी सहायता की घोषणा की थी, लेकिन पीड़ितों को अब तक कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है।
लोगों का अस्पताल में नहीं हुआ पंजीकरण
सुमन ने इस बात पर भी चिंता जताई कि हादसे में घायल हुए लोगों का अस्पताल में पंजीकरण नहीं हुआ और कई को घर पर ही इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने सत्संग स्थल की स्थिति का ध्यान नहीं रखा और वहां पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती नहीं की गई। व्यवस्था के नाम पर केवल एक एंबुलेंस और एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौजूद थी, जबकि पुलिस बल नाममात्र का था।
गिरफ्तारी झूठी और मनगढ़ंत
सुमन ने यह भी कहा कि जो लोग सत्संग के बाद गिरफ्तार किए गए हैं, उनकी गिरफ्तारी झूठी और मनगढ़ंत है। उन्होंने उन गिरफ्तारियों की समीक्षा करने और निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने उप्र सरकार द्वारा गठित एसआईटी की आलोचना की, जो एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ सहित कई अधिकारियों को दोषी ठहरा चुकी है।
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