हाथरस सत्संग कांड के मुख्य आरोपी वेद प्रकाश मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। एक लाख रुपये के इनामी इस आरोपी को वकील एपी सिंह ने पुलिस के हवाले किया।
आज की सबसे बड़ी खबर : हाथरस कांड का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर दिल्ली से गिरफ्तार, एक लाख का इनाम घोषित था
Jul 05, 2024 23:42
Jul 05, 2024 23:42
एसटीएफ और एसआईटी की टीम ने रात 10 बजे आरोपी को अपने कब्जे में लिया। इस गिरफ्तारी से हाथरस मामले की जांच में तेजी आने की उम्मीद है। वकील एपी सिंह ने पुलिस से अपील की है कि वे आरोपी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। यह गिरफ्तारी हाथरस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है और अब जांच के नए आयाम खुलने की संभावना है।
#HathrasStampede हाथरस सत्संग कांड का मुख्य आरोपी वेद प्रकाश मधुकर गिरफ्तार
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) July 5, 2024
👉बाबा के वकील एसपी सिंह का दावा : दिल्ली के उत्तम नगर हॉस्पिटल में भर्ती था मधुकर, उसे वादे के मुताबिक दिल्ली में SIT और यूपी पुलिस को सौंपा गया@Uppolice @dgpup @myogiadityanath pic.twitter.com/bZ5Wo4XKUZ
121 लोगों की चली गई थी जान
हाथरस जिले में हुए एक भयानक हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। 'भोले बाबा' के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।
देवप्रकाश मधुकर मुख्य सेवादार
देवप्रकाश मधुकर हाथरस का रहने वाला है और सरकारी विभाग में नौकरी करता है। वह भोले बाबा का करीबी माना जाता है और इस सत्संग का मुख्य सेवादार था। 78 और लोग भी आयोजकों में शामिल बताए जा रहे हैं। इनमें 16 शिक्षक, करीब 4 लेखपाल और रिटायर्ड फौजी शामिल हैं। देवप्रकाश मधुकर सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दमदमपुरा की न्यू कॉलोनी में रहता है। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद वह अपने परिवार के साथ फरार हो गया है। मधुकर के घर पर मुख्य गेट पर ताला लगा है।
यह हैं आरोप
आयोजकों पर आरोप है कि उन्होंने प्रशासन को गलत जानकारी दी। उन्होंने बताया था कि केवल 80 हजार लोग आएंगे, जबकि वहां ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए। भोले बाबा के जाने के बाद अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया, जिससे भीड़ बढ़ गई। सेवादारों ने भीड़ को जबरन रोकने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। शिकायत में कहा गया है कि आयोजकों और सेवादारों ने घायलों की मदद नहीं की। उन पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन न करने और साक्ष्य मिटाने का भी आरोप है। पुलिस ने देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों को आरोपी बनाया है।
गैर इरादतन हत्या का केस
सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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