अलीगढ़ में अपर सत्र न्यायाधीश ने 11 साल पुराने बहुचर्चित हत्याकांड में दोषी मनोज कुमार सिंह को मौत की सजा सुनाई है।
न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला : जज ने 11 साल पुराने हत्याकांड में दोषी को सुनाई फांसी की सजा, 1,25,000 रुपये लगाया अर्थदंड
Jan 18, 2025 19:24
Jan 18, 2025 19:24
- पारिवारिक विवाद के चलते चलाई गोली
- ऐसे अपराध को क्षमा करना समाज और मानवता के साथ अन्याय होगा
पारिवारिक विवाद के चलते चलाई गोली
घटना 12 जुलाई 2014 को थाना बन्नादेवी क्षेत्र के अनेक विहार में हुई थी। अभियुक्त मनोज कुमार पुत्र राजेंद्र पाल सिंह, निवासी हरतौली, बुलंदशहर (हाल निवासी अनेक विहार, थाना बन्नादेवी) ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी पत्नी, बेटे, बेटी और एक पड़ोसी महिला पर गोली चलाई। इस घटना में उसकी पत्नी, बेटा और पड़ोसी महिला की मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। पीड़ित पक्ष द्वारा थाने में मामला दर्ज कराया गया था। थाना बन्नादेवी पर मुकदमा अपराध संख्या 602/14 धारा 302/307 भारतीय दंड विधान के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी कर 18 सितंबर 2024 को चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की थी।
ऐसे अपराध को क्षमा करना समाज और मानवता के साथ अन्याय होगा
अपर सत्र न्यायाधीश पारूल अत्री ने सभी साक्ष्यों, गवाहों और अभिलेखों का विस्तृत अध्ययन करने के बाद अभियुक्त को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोषी को मृत्युदंड और ₹1,25,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जब परिवार का रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो ऐसे अपराध को क्षमा करना समाज और मानवता के साथ अन्याय होगा । यह अपराध न केवल विधि के विरुद्ध है, बल्कि मानवता को शर्मसार करने वाला है। यह अपराध सामाजिक ढांचे को नष्ट करने की श्रेणी में आता है और दोषी कठोरतम दंड का अधिकारी है। न्यायालय ने कहा कि इस अपराध की क्रूरता और गंभीरता इसे विरल से विरलतम श्रेणी में लाती है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज की नैतिकता और मानवता पर भी प्रहार है। अदालत ने कहा कि मृत्यु दंड ही ऐसा दंड है, जो पीड़ित परिवार, मृतकों और समाज को न्याय दिला सकता है।