अच्छी खबर : गंगा नदी में डॉल्फिन की होगी तलाश, अलीगढ़ से लेकर कासगंज तक होने जा रहा यह खास काम

गंगा नदी में डॉल्फिन की होगी तलाश, अलीगढ़ से लेकर कासगंज तक होने जा रहा यह खास काम
Uttar Pradesh Times | गंगा नदी में डॉल्फिन

Dec 30, 2023 14:47

बुलंदशहर और बिजनौर में पहले से ही इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इससे सटे अलीगढ़ के 17 किलोमीटर क्षेत्र से होती हुई गंगा नदी कासगंज से जुड़ी है। यहां इसका क्षेत्र 72 किलोमीटर है। कुल 89 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में गंगा का पानी साफ है...

Dec 30, 2023 14:47

Kasganj News : कासगंज जिले में तमाम गतिविधियों की संभावनाएं छिपी हुई है। अब यहां राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन को तलाशा जा रहा है। पहले भी डॉल्फिन का परिवार हजारा गंग नहर में कई दिनों तक ठहरा रहा और गंगा नदी में भी तमाम डॉल्फिन होने के संकेत मिले है। इस तलाश को लेकर विशेष कार्य योजना बनाई गई है। पानी की गहराई में डॉल्फिन के ठहरने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। सर्वे शुरू कर दिया गया है। यानी अब डॉल्फिन की अठखेलियां देखने के लिए दूसरे जिले-प्रदेश नहीं जाना होगा। यह नजारा जिले से कासगंज तक गंगा किनारे वाच टावर से देख सकेंगे।

पहले भी कराया गया सर्वे
बुलंदशहर और बिजनौर में पहले से ही इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इससे सटे अलीगढ़ के 17 किलोमीटर क्षेत्र से होती हुई गंगा नदी कासगंज से जुड़ी है। यहां इसका क्षेत्र 72 किलोमीटर है। कुल 89 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में गंगा का पानी साफ है। अलीगढ़-कासगंज में कहीं भी गंगा प्रदूषित नहीं हो रही है। साफ पानी का क्षेत्र ही डॉल्फिन की पहली पसंद होती है। यहां मछुआरे भी नहीं हैं। छह महीने पहले वन विभाग की ओर से अलीगढ़ व कासगंज क्षेत्र में सर्वे कराया गया। इसमें बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई गईं। इसके बाद केंद्र सरकार ने इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया। इस संबंध में राज्य सरकार ने भी वन विभाग को निर्देश दिए हैं। अब फिर से नए सिरे सर्वे हो रहा है। डब्लूडब्लूएफ और वन विभाग इस काम में जुटा हुआ है।

करोड़ों का है प्रस्ताव
अलीगढ़ व कासगंज में डॉल्फिन संरक्षण के लिए पौने चार करोड़ का प्रस्ताव वन विभाग ने बनाया है। इससे चार वॉच टॉवर बनाए जाएंगे। स्टीमर, नाव समेत अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे। गंगा किनारे के लोगों को संरक्षण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। वन विभाग, मत्स्य विभाग व ग्राम्य विकास विभाग के अफसरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

वर्ष 2009 में घोषित हुई थी जलीय जीव
डॉल्फिन दुर्लभ प्रजातियों में से एक है। 2009 में केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। इसके बाद से देशभर में गंगा डॉल्फिन के लिए सर्वे कराया जा रहा है। कासगंज में सबसे अधिक गतिविधियां देखने को मिल रही है। 

अलीगढ़ में बनेगा मुख्य केंद्र
अलीगढ़ किस्तौली में डॉल्फिन संरक्षण का मुख्य केंद्र बनेगा। इसके अलावा किस्तौली और गणेशपुर में दो वाच  टावर  बनेंगे। कासगंज के दतलाना और पटियाली के कादरगंज में भी दो वॉच टावर बनाए जाएंगे। डब्लूडब्लूएफ (कानपुर) के वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर, राजेश बाजपेयी ने बताया कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए पहले ही सर्वे कराया गया था। पानी की गहराई में डॉल्फिन रहती है। सबसे अधिक गहराई कादरगंज गंगा में है। वहीं  वन विभाग (अलीगढ़) के प्रभागीय निदेशक दिवाकर वशिष्ठ का कहना है कि हमने कासगंज और अलीगढ़ के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इन दोनों ही जिलों में डॉल्फिन संरक्षण की तमाम संभावनाएं है। वॉच टॉवर बनेंगे और मुख्य केंद्र भी बनेगा।

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