एएमयू के कुलपति पद के लिए कार्यकारणी परिषद की पिछले साल 30 अक्टूबर को बैठक हुई थी। इसमें पांच नाम चुने गए थे। वहीं छह नवंबर को एएमयू कोर्ट की बैठक में प्रो. नईमा खातून, प्रो. फैजान मुस्तफा और प्रो. एमयू रब्बानी के नाम पर सहमति बनी थी और यह प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
103 साल के इतिहास में पहली बार महिला बनी एएमयू की कुलपति : प्रो. नईमा खातून बनीं नई वीसी, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
Apr 22, 2024 23:07
Apr 22, 2024 23:07
- प्रो. नईमा खातून के पति मुहम्मद गुलरेज विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति रहे
- प्रो. तारिक मंसूर ने कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया था
तीनों नामों को भेजा गया था राष्ट्रपति के पास
एएमयू के कुलपति पद के लिए कार्यकारणी परिषद की पिछले साल 30 अक्टूबर को बैठक हुई थी। इसमें पांच नाम चुने गए थे। वहीं छह नवंबर को एएमयू कोर्ट की बैठक में प्रो. नईमा खातून, प्रो. फैजान मुस्तफा और प्रो. एमयू रब्बानी के नाम पर सहमति बनी थी और यह प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। इनमें से प्रो. नईमा खातून को एएमयू का कुलपति बना दिया गया है। प्रो. नईमा खातून एएमयू के 103 साल के इतिहास में पहली महिला कुलपति हैं। एएमयू के कुलसचिव मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने भी नईमा खातून के नाम की पुष्टि कर दी। प्रो. तारिक मंसूर ने कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 17 मई 2023 तक था। सह कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज को कुलपति पद का जिम्मा सौंप दिया गया था।
प्रो. नईमा खातून ने बनाया रिकॉर्ड
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी। तब यूनिवर्सिटी की चांसलर महिला बेगम सुल्तान जहां बनीं। वहीं पहले कुलपति महमूदाबाद के राजा मोहम्मद अली मोहम्मद खान बने थे। कुलपति पैनल में कभी किसी महिला का नाम शामिल नहीं हो सका था। पहली बार पैनल के पांच नामों में महिला उम्मीदवार का नाम शामिल किया गया। पूर्व कुलपति महमूदुर्रहमान ने अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार महिला प्रो. शाद बानो को प्रॉक्टर बनाया था। वहीं सितंबर 2022 में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) में पहली बार इतिहास विभाग की प्रो. चांदनी बी निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गई थी। हालांकि एएमयू इंतजामिया ने चुनाव रद्द कर दिया था।
अभी पदभार में आ सकती है रूकावट
एएमयू के कुलपति के पद को लेकर विवाद हाईकोर्ट में चल रहा है। दरअसल एएमयू ने जिन तीन नामों का प्रस्ताव बनाकर राष्ट्रपति के पास भेजा था। उसे लेकर याचिकाकर्ता ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर 29 अप्रैल को सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण नईमा खातून के पदभार ग्रहण में रूकावट आ सकती है।
ये रह चुके हैं एएमयू के कुलपति
मोहम्मद अली मोहम्मद खान, साहिबजादा आफताब अहमद खान, नवाब मोहम्मद मुजम्मिलउल्लाह खान शेरवानी, रॉस मसूद, जिया उद्दीन अहमद, सर शाह मोहम्मद सुलेमान, जिया उद्दीन अहमद, जाहिद हुसैन, नवाब मोहम्मद इस्माइल खान, जाकिर हुसैन, बशीर हुसैन जैदी, बदरुद्दीन तैयबजी, अली यावर जंग, अब्दुल अलीम, एएम खुसरो, सैयद हामिद, सैयद हासिम अली, एमएन फारूकी, महमूदुर्रहमान, मोहम्मद हामिद अंसारी, नसीम अहमद, पीके अब्दुल अजीज, लेफ्टिनेंट जमीर उद्दीन शाह, प्रो. तारिक मंसूर।
मनोविज्ञान विभाग में पहली बार हुई थी नियुक्ति
प्रो. नईमा खातून एएमूय के मनोविज्ञान विभाग अगस्त 1988 में बतौर व्याख्याता नियुक्त हुईं। वह अप्रैल 1998 से एसोसिएट प्रोफेसर और जुलाई 2006 से प्रोफेसर रहीं। प्रोफेसर नईमा खातून जुलाई 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं। इन्होंने मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक साल पढ़ाया। प्रो. नईमा खातून के पास राजनीतिक मनोविज्ञान में पीएचडी की डिग्री है। वह वर्तमान में अक्टूबर 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू, अलीगढ़ के निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं।
उन्होंने लुइस विले विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका, अल्बा लूलिया विश्वविद्यालय, रोमानिया, चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय बैंकॉक, हॉलिंग्स सेंटर, इस्तांबुल, तुर्की और हॉलिंग्स सेंटर फॉर इंटरनेशनल में भी दौरा किया है और व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने छह पुस्तकों का लेखन,सह-लेखन व संपादन किया है। वह वीमेंस कॉलेज छात्र संघ के लिए दो बार चुनी गईं। उन्होंने अब्दुल्ला हॉल और सरोजिनी नायडू हॉल के साहित्यिक सचिव और वरिष्ठ हॉल मॉनिटर का पद भी संभाला है। सर्वांगीण उत्कृष्टता के लिए उन्हें पापा मियां पद्म भूषण सर्वश्रेष्ठ गर्ल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
चुनाव आयोग से मांगी गई थी मंजूरी
आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण भारत निर्वाचन आयोग से मंजूरी मांगी गई थी। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसे एएमयू कुलपति की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर आदर्श आचार संहिता के दृष्टिकोण से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए।
देश के कई विश्वविद्यालयों की महिला हैं कुलपति
एएमयू के इतिहास में भले ही पहली बार कोई महिला कुलपति बनी हो लेकिन देश के कई बड़े विश्वविद्यालय की कुलपति महिला ही हैं। इनमें जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज, डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा, गोरखपुर विश्वविद्यालय और कश्मीर विश्वविद्यालय शामिल है।
Also Read
22 Nov 2024 07:30 PM
जिले में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। अपर जिलाधिकारी मीनू राणा ने सभी ईंट,भट्टा संचालकों को निर्देश दिया है और पढ़ें