Aligarh News : भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर होगी कड़ी कार्रवाई, औषधि निर्माताओं के लिए एडवाइजरी जारी

भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर होगी कड़ी कार्रवाई, औषधि निर्माताओं के लिए एडवाइजरी जारी
UPT | प्रतीकात्मक फोटो

May 17, 2024 00:51

भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। इसको लेकर औषधि निर्माताओं के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी...

May 17, 2024 00:51

Aligarh News (Alok Kumar Singh) : भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। इसको लेकर औषधि निर्माताओं के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ नरेन्द्र कुमार ने बताया कि जनपद अलीगढ़ और हाथरस के फार्मेसी निर्माताओं को आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 18 अप्रैल 2024 और निदेशक आयुर्वेद सेवायें उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी के क्रम में निर्देशित किया है कि  आयुष मंत्रालय के निर्देशो का पालन नहीं किया जा रहा है। औषधि निर्माता अपनी औषधियों के लेबल पर, प्रिन्ट और इलैक्टोनिक मीडिया में अपनी लाइसेन्स प्राप्त आयुष उत्पादों के विज्ञापन में विभिन्न विवरणों का उल्लेख कर रहे है।

विज्ञापन में दवा या उत्पाद आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित करना, गलत है  
डॉ नरेन्द्र कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विज्ञापन में यह उल्लेख करना कि यह दवा या उत्पाद आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित या प्रमाणित है, गलत है। इसी प्रकार उत्पाद पर हरा लोगो प्रर्दशित करना और 100 प्रतिशत का उल्लेख करना भी गलत है। उत्पाद को 100 प्रतिशत सुरक्षित, दुष्प्रभावों से मुक्त, गारन्टी उपचार व स्थायी इलाज का दावा भी नहीं किया जा सकता। उत्पाद से उपचार के स्थाई इलाज का दावा करना भी गलत है। उन्होंने सभी फार्मेसी निर्माताओं को निर्देशित किया है कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विज्ञापन के संबंध में जारी की गई एडवाइजरी का उल्ल्घंन करने पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

भ्रामक प्रचार करने पर होगी कार्रवाई 
उन्होंने यह भी बताया है कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयुष औषधि के निर्माण के लिए अनुमोदन एवं अनुदान नहीं देता है। औषधि और प्रसाधान सामग्री नियम 1945 के नियम 158 बी आयुर्वेद, सिद्धा और यूनानी (एएसयू) दवाओं के सम्बन्ध में लाइसेन्स जारी करने के लिए दिशा निर्देश निर्धारित करता है। उन्होंने बताया कि राज्य औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकारण द्वारा लाइसेंसिंग को आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदन के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। राज्य एसएलए द्वारा जारी किया गया लाइसेंस औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और उसके तहत नियमों के तहत निर्धारित शर्तों की पूर्ती के आधार पर निर्माता को विशेष दवा, उत्पाद के बिक्री की अनुमति है और औषधि एवं प्रसाधन सामिग्री नियम 1945 के नियम 161.161ए और 161 बी आयुर्वेद सिद्ध और की-लेबिलिग के लिए विशेष प्रावधान है । अगर किसी फार्मेसी निर्माता द्वारा भ्रामक प्रचार किया जाता है, तो उस पर विधिक कार्यवाही की जायेगी। बाबा रामदेव के उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन के बाद अब सख्ती की जा रही है।

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