महिला अधिवक्ता की हत्या का मामला : छह आरोपियों पर केस दर्ज, तीन अधिवक्ता भी शामिल

छह आरोपियों पर केस दर्ज, तीन अधिवक्ता भी शामिल
फ़ाइल फोटो | महिला अधिवक्ता मोहनी तोमर।

Sep 07, 2024 01:49

कासगंज में महिला अधिवक्ता की हत्या के मामले में उनके पति की तहरीर पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है, जिनमें तीन अधिवक्ता भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

Sep 07, 2024 01:49

Kasganj News : कासगंज में महिला अधिवक्ता मोहनी तोमर की हत्या के मामले ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। उनके पति ब्रजतेंद्र तोमर की तहरीर पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है, जिनमें तीन अधिवक्ता भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हर पहलू पर गंभीरता से विचार कर रही है कि आखिर महिला अधिवक्ता की हत्या क्यों और किसने की।

हत्या से पहले अपहरण
यह घटना कासगंज के कोतवाली सदर क्षेत्र के जनपद न्यायालय की है, जहां 3 सितंबर को मोहनी तोमर दोपहर करीब 2:30 बजे न्यायालय के गेट से लापता हो गईं थीं। अगले दिन, 4 सितंबर को उनका शव नहर में मिला। इस घटना के बाद उनके पति ने एडवोकेट मुस्तफा कामिल, उनके बेटे असद कामिल, हैदर कामिल, सलमान, एडवोकेट मुनाजिर रफी, और केशव मिश्रा के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया।

धमकियों का सिलसिला और पुराना विवाद
मोहनी तोमर के पति ब्रजतेंद्र का कहना है कि कुछ समय से उनकी पत्नी को लगातार धमकियां मिल रही थीं। वर्ष 2018 में कासगंज के चंदन हत्या कांड में एडवोकेट मुनाजिर रफी आरोपी था और मोहनी ने उसकी जमानत का विरोध किया था। इसके अलावा, कुछ दिनों पहले सोरों क्षेत्र के कुछ युवकों और एडवोकेट कामिल व उनके बेटों के बीच न्यायालय में मारपीट हुई थी, जिसमें मोहनी ने पीड़ित पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था। इन कारणों से उन पर दबाव बनाया जा रहा था कि वे केस से हट जाएं, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद यह षड्यंत्र रचा गया।

अधिवक्ताओं का आक्रोश और हड़ताल
महिला अधिवक्ता की हत्या के बाद न्यायालय में उनके साथी अधिवक्ताओं में भी भारी आक्रोश फैल गया है। कई महिला अधिवक्ता धरना दे रही हैं और न्याय की मांग कर रही हैं। अधिवक्ता भावना शर्मा ने कहा कि जब तक हत्यारे गिरफ्तार नहीं होते, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

सपा सांसद ने की सीबीआई जांच की मांग
इस हत्या के बाद क्षेत्रीय सपा सांसद देवेश शाक्य भी न्यायालय पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सांसद ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की जरूरत है, क्योंकि उन्हें कासगंज पुलिस पर भरोसा नहीं है। 

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