संविधान दिवस पर आरक्षण की मांग को लेकर AMU सर्किल पर छात्रों का प्रदर्शन : दलित, ओबीसी के आरक्षण की आवाज की बुलंद

UPT | AMU में दलित ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन

Nov 26, 2024 18:41

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदाय के हिंदू छात्रों ने आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया गया।

Short Highlights
  • रैली निकाल कर एएमयू सर्किल पहुंच किया प्रदर्शन 
  • संविधान द्वारा निर्धारित आरक्षण एएमयू में लागू होना चाहिए
  • इंटरनल रिजर्वेशन का फायदा हिंदू छात्रों को मिला है 
  • पहली बार आरक्षण की मांग को लेकर हिन्दूवादी छात्र एएमयू सर्किल तक पहुंचे 
Aligarh news : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदाय के हिंदू छात्रों ने आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन एएमयू आरक्षण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आयोजित किया गया। जिसमें सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व अर्जुन सिंह भोलू, संजू बजाज, एबीवीपी नेता बल्देव चौधरी सीटू, अमित गोस्वामी और जय यादव जैसे छात्र नेताओं ने किया। प्रदर्शनकारियों ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को चुनौती दी और संविधान के तहत आरक्षण लागू करने की मांग उठाई। सैकड़ों की संख्या में छात्र एएमयू सर्किल पर पहुंचे  और जिला प्रशासन व एएमयू इंतजामिया को ज्ञापन देकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग की है। 


रैली निकाल कर एएमयू सर्किल पहुंच किया प्रदर्शन 

पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत, प्रदर्शनकारी छात्र शहर के विभिन्न हिस्सों से रैली निकालकर राजा महेंद्र प्रताप सिंह पार्क पर एकत्रित हुए। पुलिस द्वारा ज्ञापन वहीं देने की सलाह के बावजूद, छात्रों ने एएमयू सर्किल तक जाने की मांग की। जुलूस कलेक्ट्रेट और तस्वीर महल होते हुए एएमयू सर्किल तक पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने हिंदू आरक्षण लेकर रहेंगे, माइनॉरिटी के नाम पर आतंकवाद नहीं चलेगा और एएमयू की छाती पर हिंदू आरक्षण का उदय होगा जैसे नारे लगाए । स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने नौ थानों की फोर्स, पीएसी, और तीन पुलिस क्षेत्राधिकारियों की तैनाती की। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने एएमयू सर्किल पर पहुंचकर करीब दो घंटे तक प्रदर्शन जारी रखा। 

संविधान द्वारा निर्धारित आरक्षण एएमयू में लागू होना चाहिए

प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा संविधान के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि एएमयू की स्थापना हिंदू राजा महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दान दी गई भूमि पर हुई है और यह सरकारी अनुदान से संचालित होता है। छात्र नेता संजू बजाज ने कहा, संविधान द्वारा निर्धारित आरक्षण एएमयू में लागू होना चाहिए। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक आरक्षण लागू नहीं होता। छात्र नेताओं ने एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान को लेकर विवादित बयान भी दिए। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जन आंदोलन बनेगा और जल्द ही व्यापक रूप ले लेगा।

इंटरनल रिजर्वेशन का फायदा हिंदू छात्रों को मिला है 

एएमयू जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज आसिम सिद्दीकी ने कहा कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान है और इसे सुप्रीम कोर्ट से कुछ मामलों में छूट प्राप्त है। उन्होंने यह भी बताया कि इंटरनल और एक्सटर्नल रिजर्वेशन की व्यवस्था के तहत सभी वर्गों को लाभ मिलता है। इंटरनल रिजर्वेशन का सबसे अधिक फायदा हिंदू छात्रों को मिला है। छात्र नेता आरिफ त्यागी ने छात्रों के प्रदर्शन पर कहा, मांग करना गलत नहीं है, लेकिन एएमयू जैसे संस्थान को बदनाम करना साजिश है। समाजवादी पार्टी के नेता अज्जू इसहाक ने प्रदर्शन को माहौल खराब करने की कोशिश बताया और प्रशासन पर भाजपा के दबाव में होने का आरोप लगाया। एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के तहत है। इस प्रदर्शन ने इस बहस को और तेज कर दिया है। संविधान दिवस के मौके पर हुए इस प्रदर्शन ने इसे और संवेदनशील बना दिया है।

पहली बार आरक्षण की मांग को लेकर हिन्दूवादी छात्र एएमयू सर्किल तक पहुंचे 

प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इसे जन आंदोलन बनाएंगे। वहीं, प्रशासन और पुलिस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि एएमयू प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस पर क्या कदम उठाते हैं। यह प्रदर्शन एएमयू में हिंदू छात्रों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किया गया पहला और बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है. 

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