प्रयागराज तक डबल लाइन पर शीघ्र दौड़ेंगी ट्रेनें : भटनी से औड़िहार तक दोहरीकरण कार्य में तेजी

UPT | डबल लाइन पर शीघ्र दौड़ेंगी ट्रेनें

Dec 12, 2024 12:03

गोरखपुर से प्रयागराज तक रेल यातायात को और अधिक तेज़ और सुविधाजनक बनाने के लिए भटनी से औड़िहार तक डबल लाइन परियोजना पर काम जोर-शोर से चल रहा है। अप्रैल 2025 तक इस परियोजना का पूरा होना सुनिश्चित है, जिसके बाद इस मार्ग पर ट्रेनें बेहतर समय पालन के साथ संचालित होंगी।

Gorakhpur News : गोरखपुर से प्रयागराज तक का रेल मार्ग 2025 तक दोहरीकरण के बाद पूरी तरह से प्रभावी होगा, जिससे ट्रेन संचालन में तेजी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। भटनी से औड़िहार तक की रेल लाइन पर काम तेजी से चल रहा है और मार्च 2025 तक यह कार्य पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल ट्रेन संचालन की गति में वृद्धि होगी, बल्कि यात्रियों के लिए अतिरिक्त गाड़ियां भी चल सकेंगी।

भटनी से औड़िहार तक 116 किमी रेललाइन का निर्माण कार्य
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने हाल ही में वाराणसी और प्रयागराज में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि भटनी से औड़िहार तक के दोहरीकरण कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। इस परियोजना में भटनी से औड़िहार तक 116 किमी की रेल लाइन का निर्माण हो रहा है, जिसमें विभिन्न खंडों का कार्य पूरा किया जा चुका है।

इसमें किड़िहरापुर-इन्दारा (12.98 किमी), सादात औड़िहार (18.21 किमी), भटनी-पिवकोल (5.25 किमी), और बेलथरा रोड- किड़िहरापुर (13.85 किमी) जैसे प्रमुख खंड शामिल हैं। अब तक इस परियोजना के अंतर्गत कुल 50.29 किमी कार्य पूरा हो चुका है। दुल्लहपुर-सादात खंड का दोहरीकरण जनवरी 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

दोहरीकरण परियोजना का पूरा विवरण और लागत
दोहरीकरण परियोजना के तहत कई और महत्वपूर्ण कार्य भी चल रहे हैं, जैसे जखनिया-सादात-पिपरीडीह-दुल्लहपुर (39.18 किमी) और पिवकोल-सलेमपुर-लार रोड बेलथरा रोड (27.53 किमी) के दोहरीकरण का कार्य। इन कार्यों के साथ-साथ विद्युतीकरण भी किया जा रहा है, जिससे रेलवे की पूरी ट्रैक क्षमता में वृद्धि होगी।

इस परियोजना की कुल लागत 2529.46 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए वर्ष 2024-25 के बजट में 413.33 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

रेलवे की ट्रैक क्षमता और ट्रेनों की संख्या में वृद्धि
इस दोहरीकरण से न केवल ट्रेनों की गति में सुधार होगा, बल्कि ट्रैक की क्षमता भी बढ़ जाएगी। इससे रेल नेटवर्क में भी विस्तार होगा और भविष्य में यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा, अन्य अतिरिक्त ट्रेनों को भी चलाने की योजना है, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि बनारस से प्रयागराज के बीच डबल लाइन पहले ही बिछाई जा चुकी है।

वर्तमान प्रगति और निर्माण कार्य की समीक्षा
महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है और समय सीमा के भीतर इसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान प्रयागराज में झूसी से प्रयागराज तक गंगा नदी पर पुल का निर्माण भी पूरा हो चुका है। आगामी बुधवार को रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा इस निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जाएगा। उनके द्वारा दी गई अनुमति के बाद पुल पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रूट पर दोहरीकरण
गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रूट का दोहरीकरण कार्य भी शुरू हो चुका है। इस कार्य को पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में कैंट-पिपराइच (16.09 किमी) का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। दूसरे चरण में पिपराइच-कप्तानगंज (19.72 किमी), तीसरे चरण में कप्तानगंज-सिसवा बाजार (26.16 किमी), चौथे चरण में सिसवा बाजार-पनियहवा (20.87 किमी), और अंतिम चरण में पनियहवा-वाल्मीकीनगर (13.10 किमी) का निर्माण कार्य पूरा होगा।

पूर्वोत्तर रेलवे की आगामी योजनाएं
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे पर तेजी से दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में छपरा-लखनऊ, सीतापुर-बुढ़वल, बलिया-बनारस, और औड़िहार-जौनपुर जैसे प्रमुख रेल मार्ग पहले ही पूरी तरह से दोहरीकृत हो चुके हैं। इसके अलावा वाराणसी-प्रयागराज दोहरीकरण के अंतर्गत अंतिम चरण का सीआरएस निरीक्षण 11 दिसंबर को किया गया।

 भटनी से औड़िहार तक और गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रूट पर हो रहे दोहरीकरण कार्य से न केवल रेल मार्गों की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यात्री अनुभव में भी सुधार होगा। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक साबित होगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

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